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Ayodhya: राम मंदिर से जुड़ी एक ऐसी संकल्प जो लोगों को कर रही है हैरान

राजस्थान का एक दंपति ना ही कोई बैंड बाजा ना बारात बस अपने संकल्प को पूरा करने के लिए कार्य सेवक पुरम को ही विवाह स्थल बना डाला राम मंदिर को लेकर लिए गए संकल्प को पूरा करने के लिए राजस्थान का दंपति बाकायदा हिंदू रीति रिवाज के साथ आज सात फेरे भी लिया है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Ayodhya: राम मंदिर से जुड़ी एक ऐसी संकल्प जो लोगों को कर रही है हैरान

अयोध्या में प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो चुके हैं, 22 जनवरी की तारीख भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है. सैकड़ो वर्ष का संघर्ष और हजारों बलिदानों के बाद आखिरकार वह दिन भी आ गया, जब प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होकर दिव्य दर्शन दे रहे हैं. हालांकि पूरे देश के लोगो को इस दिन का बरसों से इंतजार था जोकि अब पूरा हो चुका है. अब जाकर 500 साल के बाद श्री राम अपने महल में आए है. वहीं राम मंदिर आंदोलन के साथ आपने भव्य मंदिर निर्माण को लेकर लोगों के अनेक कहानियां और अनेकों संकल्प सुने होंगे. आज राम मंदिर से जुड़ी एक ऐसी संकल्प की खबर सामने आई है जो लोगों को हैरान कर रही है.

दरअसल राजस्थान का एक दंपति ना ही कोई बैंड बाजा ना बारात बस अपने संकल्प को पूरा करने के लिए कार्य सेवक पुरम को ही विवाह स्थल बना डाला राम मंदिर को लेकर लिए गए संकल्प को पूरा करने के लिए राजस्थान का दंपति बाकायदा हिंदू रीति रिवाज के साथ आज सात फेरे भी लिया है। राजस्थान के रहने वाले महेंद्र भारती आज से 33 साल पहले कार सेवा के दौरान राम मंदिर निर्माण के लिए एक संकल्प लिय थे, उनका संकल्प था कि जब तक प्रभु राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता, तब तक अपने गले में माला नहीं धारण करेंगे और ना ही शादी करेंगे.

लेकिन समय बदला, वक्त बदला और 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो गए. फिर महेंद्र भारती का संकल्प भी पूरा हुआ और आज विधि विधान पूर्वक हिंदू रीति रिवाज में उन्होंने राम मंदिर आंदोलन की हृदयस्थली कहीं जाने वाले कार सेवक पुरम के यज्ञ मंडप में सात फेरे लिए हैं. इतना ही नहीं कार सेवक पुरम में शादी करने का उद्देश्य यह था कि 1990 में जब कई कारसेवक मंदिर आंदोलन में शहीद हो गए थे तो उस दौरान उन्होंने संकल्प लिया था और जब संकल्प पूरा हुआ तो वही कारसेवकपुरम में उन्होंने सात फेरे लिए और कार्य सेवकों का आशीर्वाद भी अर्जित किया।

वहीं प्रभु राम को साक्षी मानकर महेंद्र भारती और उनकी नई नवेली दुल्हन डॉक्टर शालिनी काफी उत्साहित भी है. एक तरफ प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान है तो दूसरी तरफ नई नवेली दुल्हन ने बताया कि हमारे यही प्रभु राम है, हम बहुत सौभाग्यशाली हैं हम प्रभु राम से ही प्रार्थना करते हैं कि हम दोनों के ऊपर आशीर्वाद बनाए रखें.

राजस्थान के रहने वाले महेंद्र भारती ने कहा कि 1990 में जब राम मंदिर आंदोलन के लिए कारसेवकों की निर्मम हत्या हुई वह मंजर हमें आज भी याद आता है. उस दौरान हर किसी ने राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था, तो हमने भी 1990 में एक संकल्प लिया था और वह संकल्प था कि जब तक प्रभु राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक हम गले में माल नहीं धारण करेंगे और ना ही शादी करेंगे और यह संकल्प हम ने 33 वर्षों तक पूरा किया है. अब प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान हो गए हैं, तो आज हमने प्रभु राम की जन्मस्थली अयोध्या में सात फेरे ले लिए हैं. प्रभु राम का भव्य मंदिर बन गया हमारा संकल्प पूरा हो गया.

आगे उन्होंने कहा कि शालिनी जैसी जीवनसाथी हमें मिली हम बहुत खुश नसीब हैं. इतना ही नहीं शादी के लिए हमने कारसेवकपुरम इसलिए चुना क्योंकि यहां पर हमें कारसेवकों का भी आशीर्वाद मिलेगा. राजस्थान के जयपुर का रहने वाला हूं राम मंदिर के लिए संकल्प लिया था अब मंदिर बन गया है और हम शादी के साथ बंधन में बंद भी गए हैं. अब पारिवारिक जीवन की शुरुआत हुई है सामाजिक दायित्व निभाएंगे.

नई नवेली दुल्हन डॉक्टर शालिनी ने बताया कि ईश्वर की अनुकंपा से आज हमने शादी रचाई है हम अपने आप को बहुत अधिक गौरव्वंटित महसूस कर रहे हैं. प्रभु राम का भव्य मंदिर बन गया है और अब हमारे जीवन के राम यही है बस प्रभु राम से यही प्रार्थना है कि हम दोनों लोग के ऊपर आशीर्वाद बनाए रखें यहां पर हमें प्रभु राम के साथ-साथ कार्य सेवक का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ है.

 

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