गरीबों के हित में सरकार कई योजनाएं लागू करती रहती है, ऐसी ही आयुष्मान योजना भी है जिसे केंद्र ने गरीबों के अच्छे इलाज के लिए धरातल पर लाया है। इसी संदर्भ में कानपुर के 16 प्राइवेट अस्पतालों ने आवेदन पत्र भरा था। पर जब जिलाधिकारी के आदेश पर अस्पतालों की जांच के लिए अस्पतालों में एडीएम की टीम पहुंची तो कई खामियां मिलीं।
अस्पतालों ने जिन बीमारियों के इलाज के लिए आवेदन पत्र भरा था, उसकी वहां कोई व्यवस्था ही नहीं थी। लेकिन, जांच करने के बाद खामियों को दूर करने का मौका अस्पताल संचालकों को दिया गया है। वहीं जल्द ही फाइनल अस्पतालों की सूची जिलाधिकारी की टीम जारी करेगी।
केंद्र सरकार प्रत्येक व्यक्ति के बेहतर स्वास्थ्य के लिए तत्पर रहती है। ऐसे में कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को चला रही है। जिससे गरीब लोगों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करने की सहूलियत मिलती है।
इस योजना के तहत इलाज के दौरान दवाई की लागत, चिकित्सा आदि का खर्च सरकार की तरफ से व्यय किया जाता है। जो लोग योजना के हकदार हैं उनके लिए आयुष्मान कार्ड सरकार ने जारी किया है।
प्राइवेट अस्पताल में भी 5 लाख तक इलाज गरीब लोग करा सकते हैं। गौरतलब है कि अभी तक जिले के करीब 152 अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की अनुमति मिल चुकी है। सरकार ने इस योजना के तहत मरीजों को और अधिक लाभ देने के लिए, शहर के कई बड़े निजी अस्पतालों को भी इस योजना से जोड़ा हैं।
अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी ने डॉक्टरों के साथ सीडीओ, एडीएम वित्त, एडीएम प्रशासनिक, एडीएम सप्लाई को जांच अधिकारी के रूप में नामित किया था। वहीं जांच करने पहुंचे अधिकारियों के सत्यापन में कई अस्पतालों में खामियां मिलीं। जिस रोग का इलाज करने के लिए आवेदन अस्पतालों द्वारा किया गया था उसकी वहां कोई व्यवस्था ही नहीं थी।
एक अस्पताल ने गंभीर बीमारियों का ऑपरेशन करने के लिए आवेदन किया था, पर जांच में पता चला कि अस्पताल में आईसीयू की सुविधा ही उपलब्ध नहीं है। तो प्रश्न उठता है कि कैसे ऑपरेशन होगा। ऐसी ही कई खामियां अन्य आवेदन करने वाले अस्पतालों में भी देखने को मिली। जिसको ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने खामियों को दूर करने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
वहीं अधिकारियों ने अस्पतालों का सत्यापन कर रिपोर्ट तैयार कर लिया है। अब जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित टीम अपना अंतिम अस्पतालों की सूची तैयार कर इलाज करने की अनुमति जारी करेगी।