पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के नगर निगम में सड़क की मरम्मत के नाम पर बड़ा खेला हो रहा है। यहां मुख्य सड़के तो चमक रही हैं पर लिंक मार्गों का हाल बहुत बुरा है। स्थिति ये है कि नगर निगम की ओर से एक साल के अंदर किसी भी सड़क का निर्माण या मरम्मत कार्य नहीं हुआ है।
वीआईपी विजिट के चलते शहर की मुख्य सड़कें चमाचम दिखाई देती हैं, लेकिन मुख्य मार्गों से सटे लिंक मार्गों की हालत बद से बदतर हो गई हैं। ज्यादातर लिंक मार्ग नगर निगम के हिस्से में हैं। बीते एक साल में नगर निगम एक भी नई सड़क नहीं बनाई, लेकिन पैचवर्क के नाम पर अगस्त 2023 से अगस्त 2024 तक 7 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।
सड़को के बनाने और मरम्मत कार्य में होता है बड़ा खेला
नगर निगम के पास कुल 692 किमी सड़कें हैं। जिनका पैचवर्क कराया गया है। सड़कों को बनाने और मरम्मत में बड़ा खेल होता है। नई सड़क को बनवाने के लिए पहले प्रस्ताव तैयार करना पड़ता है। इसके बाद प्रस्ताव की मंजूरी लेनी पड़ती है। बड़ी धनराशि होने के कारण कई बार जांच के दौरान प्रस्ताव को खारिज भी कर दिया जाता है। जबकि मरम्मत में ऐसा कुछ नहीं होता है। जनहित के नाम पर मरम्मत का कार्य धड़ल्ले से कराया जाता है। ऐसे में कभी वीआईपी तो कभी त्योहार तो कभी पर्व के नाम पर मरम्मत का काम होता है।
कई बार बारिश से पूर्व और बारिश के बाद सड़कों की मरम्मत कराई जाती है। 10 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के बीच में छोटी छोटी धनराशि खर्च कर पैचवर्क कराया जाता है। यही छोटी-छोटी धनराशि जुड़कर बड़ी हो जाती है। बारिश में सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया जाता है। उम्मीद है कि बारिश बंद होने के बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा।
इन इलाकों की सड़कें खराब
महमूरगंज की सड़क पर गड्ढा हो गया है। जहां आसपास के लोगों ने डंडा डाल रखा है। इसी प्रकार फुलवरिया फोरलेन से जेल रोड मार्ग की हालत भी खराब है। यहां आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा रमाकांत नगर काॅलोनी, बादशाह बाग काॅलोनी, पितरकुंडा, लल्लापुरा, औरंगाबाद, जद्दूमंडी, पान दरीबा, नई सड़क, बेनियाबाग, कबीरचौरा, महमूरगंज, सिगरा, सिद्धगिरीबाग, सोनिया, भोगाबीर, साकेतनगर, कबीर नगर, दुर्गाकुंड, भगवानपुर आदि इलाकों की सड़कें खराब हैं।
खोदाई के चलते खराब हो रहीं सड़कें
आए दिन कोई न कोई सड़क किसी न किसी कार्य के लिए खोदी जाती है। पिछले दिनों सिगरा से सोनिया मार्ग को खोदा गया था। इसी प्रकार सिगरा से सिद्धगिरिबाग मार्ग पर रोपवे के पिलर के लिए खोदाई की गई थी। यही नहीं सीवर, पेयजल और बिजली की लाइनों में खराबी के कारण सड़कों को खोदकर छोड़ दिया जाता है। टेलीकाॅम कंपनियां भी सड़कों की खोदाई करतीं हैं। जिसकी मरम्मत बाद में कराई जाती है।
आठों जोन की 1137 स्थानों पर सड़कें खराब और गड्ढे
पिछले दिनों नगर निगम ने शहर के आठों जोन का सर्वे कराया था। इस दौरान 1137 स्थानों पर खराब सड़कें और गड्ढे मिले थे। जिन्हें जोनवार पाटने का काम चला था। बाद में बारिश में इन गड्ढों में भरी गई मिट्टी और गिट्टी बह गई। इसके बाद फिर से इन पर गड्ढे हो गए।
वर्षवार सड़कों की मरम्मत पर खर्च के आंकड़े
- 2022-23 – 3.64 करोड़
- 2023-24 – 6.67 करोड़
- 2024-25 – 8.75 करोड़
क्या बोले अधिकारी
एक राष्टीय हिंदी समाचार पत्र से बात करते हुए वाराणसी नगर निगम के पीआरओ संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि बारिश बंद होने के बाद ही सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा। बारिश में तारकोल अच्छी तरह से पकड़ नहीं बना पाता। इस समय केवल सड़कों को चलने लायक बनाया जाएगा। बारिश के बाद नए सिरे से सड़कों का निर्माण कार्य होगा। इसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है।