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Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या पर मां विंध्यवासिनी के चरण स्पर्श पर रोक, जुटेंगे लाखों श्रद्धालु

महाकुंभ 2025 के विशेष स्नान पर्व मौनी अमावस्या के अवसर पर विंध्यधाम में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। यह पर्व 29 जनवरी को है, और इस दिन पांच से छह लाख श्रद्धालुओं के विंध्यवासिनी धाम में दर्शन करने की संभावना है। श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए माता विंध्यवासिनी के चरण स्पर्श पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि मंदिर के वीआईपी मार्ग और मुख्य गेट से किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालु केवल निर्धारित मार्गों से दर्शन कर सकेंगे।

श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और होल्डिंग एरिया की व्यवस्था की गई है। निकास द्वार पर भी सख्त निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई श्रद्धालु वहां से प्रवेश न करे।

विशेष ट्रेनें और बसें

मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए 17 विशेष ट्रेनों और 200 से अधिक बसों की व्यवस्था की गई है। निजी वाहनों की संख्या भी अधिक रहने की संभावना है।

सफाई और व्यवस्था पर विशेष ध्यान

नगर पालिका के ईओ जी लाल ने बताया कि मंदिर परिसर और आसपास के प्रमुख मार्गों, गलियों, चौराहों और गंगा घाटों पर सफाई के लिए 180 अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती की गई है। इन सभी स्थानों पर साफ-सफाई बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस प्रशासन की तैयारियां

मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि मौनी अमावस्या के दिन उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी सुरक्षा और सतर्कता बरती जाए। उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को सुगम तरीके से संभालने के लिए हर स्तर पर चाक-चौबंद व्यवस्था की जाए।

आस्था और अनुशासन का संगम

मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दर्शन और गंगा स्नान के माध्यम से पुण्य अर्जित करेंगे। प्रशासन की सख्ती और सावधानी का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है, ताकि यह धार्मिक आयोजन शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके।

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