दिल्ली से सटा नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार है। नोएडा एक्सप्रेसवे राज्य के प्रमुख शहरों ग्रेटर नोएडा, आगरा और लखनऊ को जोड़ता है, साथ ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इस एक्सप्रेसवे से रोजाना लाखों वाहन गुजरते हैं, जिनमें विदेशी डेलीगेशन भी शामिल होते हैं।
उत्तर प्रदेश की छवि को और निखारने के उद्देश्य से नोएडा एक्सप्रेसवे का सौंदर्यीकरण अब एक नई कंपनी को सौंपा जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग से यह जिम्मेदारी वापस ले ली गई है।
सौंदर्यीकरण के लिए नई कंपनी का चयन
एक्सप्रेसवे के सौंदर्यीकरण का कार्य एक साल के लिए नई कंपनी को सौंपा जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी कर प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी का चयन होने के बाद, 23.5 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर हरियाली बढ़ाने, लैंडस्केपिंग, फसाड लाइट्स, फव्वारे और म्यूरल्स जैसे कार्य किए जाएंगे।
कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर उसका अनुबंध आगे बढ़ाया जा सकता है। यदि प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, तो नई आरएफपी जारी कर दूसरी कंपनी का चयन किया जाएगा।
एक्सप्रेसवे पर दिखेगी सांस्कृतिक झलक
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि सेक्टर-125 के आगे एक्सप्रेसवे पर सौंदर्यीकरण की कमी महसूस होती है। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण लिंक है और यहां से गुजरने वाले यात्रियों और विदेशी मेहमानों को यह आभास होना चाहिए कि वे एक स्वच्छ, निवेश-समर्थक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों ओर आकर्षक लैंडस्केपिंग और सांस्कृतिक म्यूरल्स लगाए जाएंगे। प्राधिकरण ने इस कार्य की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्णय लिया है।
हॉर्टिकल्चर विभाग से वापस लिया गया कार्य
इससे पहले यह कार्य नोएडा प्राधिकरण के हॉर्टिकल्चर विभाग द्वारा किया जा रहा था। हालांकि, बार-बार निरीक्षण और निर्देशों के बावजूद विभाग अपेक्षित परिणाम देने में असफल रहा। कई स्थानों पर पौधों के सूखने और गमलों के टूटने जैसी समस्याएं देखी गईं। इन समस्याओं को देखते हुए, सौंदर्यीकरण का यह कार्य अब पेशेवर कंपनी को सौंपा जाएगा। यह पहल न केवल एक्सप्रेसवे को सुंदर बनाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक और आधुनिक छवि को भी उभारेगी।