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Kumbh Nagar: महामंडलेश्वर और नागा साधु बनना नहीं है आसान, 12 अखाड़ों ने इस बार खारिज किए 104 आवेदन

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच महामंडलेश्वर और नागा साधु बनने की प्रक्रिया सुर्खियों में है। इस बार अखाड़ों ने सख्त नियमों का पालन करते हुए 12 महामंडलेश्वर और 92 नागा साधु बनने के आवेदनों को अस्वीकार कर दिया।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
Kumbh Nagar: महामंडलेश्वर और नागा साधु बनना नहीं है आसान, 12 अखाड़ों ने इस बार खारिज किए 104 आवेदन

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच महामंडलेश्वर और नागा साधु बनने की प्रक्रिया सुर्खियों में है। इस बार अखाड़ों ने सख्त नियमों का पालन करते हुए 12 महामंडलेश्वर और 92 नागा साधु बनने के आवेदनों को अस्वीकार कर दिया। अखाड़ों के लिए अनुशासन, सच्चाई और सनातन धर्म के प्रति पूर्ण समर्पण सबसे महत्वपूर्ण मानदंड हैं।

अनुशासन और समर्पण की कसौटी पर खरे उतरना अनिवार्य

महामंडलेश्वर और नागा साधु बनने के लिए अखाड़ों में कड़ी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसमें व्यक्ति के जीवन की सच्चाई, अनुशासन और सनातन धर्म के प्रति समर्पण का परीक्षण होता है। यदि कोई इन कसौटियों पर खरा नहीं उतरता, तो उनका आवेदन रद्द कर दिया जाता है। इस बार जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और बड़ा निरंजनी अखाड़ा ने कई आवेदकों को नियमों का उल्लंघन करने के कारण अस्वीकृत कर दिया।

तीन चरणों की प्रक्रिया

महामंडलेश्वर और नागा साधु बनने के लिए तीन चरणों की कड़ी प्रक्रिया होती है। महामंडलेश्वर बनने के लिए संन्यासी जीवन का पालन आवश्यक है, जबकि नागा साधु बनने के लिए व्यक्ति को वैराग्य का संकल्प लेना होता है। इस प्रक्रिया में जिलेदार द्वारा आवेदकों की जांच की जाती है। उनकी रिपोर्ट पंच परमेश्वर और सभापति तक पहुंचाई जाती है। इसके बाद, महात्माओं द्वारा तथ्यों की अंतिम जांच की जाती है।

महामंडलेश्वर और नागा साधुओं की नियुक्ति

मकर संक्रांति से वसंत पंचमी तक चलने वाली इस प्रक्रिया में अब तक विभिन्न अखाड़ों में 30 महामंडलेश्वर और 3500 नागा साधुओं को दीक्षा दी जा चुकी है। वसंत पंचमी तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

104 आवेदन रद्द

इस बार निरंजनी अखाड़े ने 6, जूना अखाड़े ने 4 और आवाहन अखाड़े ने 2 महामंडलेश्वर पद के आवेदनों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही नागा साधु बनने के लिए आए 92 आवेदनों को भी अस्वीकार कर दिया गया। आवेदनों को खारिज करने का कारण उनकी छवि का धर्म और परंपराओं के विपरीत होना बताया गया।

महामंडलेश्वर और नागा साधु बनने का कठिन मार्ग

महामंडलेश्वर और नागा साधु बनना एक कठिन और अनुशासनपूर्ण यात्रा है। यह केवल उन्हीं को प्राप्त होती है, जो अपने जीवन को धर्म और सनातन परंपरा के लिए समर्पित करते हैं। महाकुंभ के दौरान इन साधुओं का समाज और धर्म में विशेष महत्व होता है, और इसी कारण अखाड़े इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करते।

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