भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका गुलदस्ता लेकर स्वागत किया। इस दौरान स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों से भूटानी प्रतिनिधिमंडल का अभिनंदन किया। राजा वांगचुक ने कलाकारों की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।
राजभवन में हुई उच्चस्तरीय चर्चा
हवाईअड्डे से सीधे राजभवन पहुंचे भूटान नरेश का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने सम्मानजनक स्वागत किया। इस अवसर पर राजा वांगचुक ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राजभवन में आयोजित बैठक में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक सहयोग को गहराई से विस्तार देने पर चर्चा हुई। साथ ही, द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए संयुक्त पहलों पर सहमति बनी।
संगम स्नान के लिए प्रयागराज की ओर प्रस्थान
मंगलवार को भूटान नरेश प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में शामिल होने पहुंचेंगे। इस दौरान सीएम योगी उनके साथ संगम तट पर पवित्र स्नान करेंगे। इसके बाद त्रिवेणी शंकुल, अक्षयवट मंदिर और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन का कार्यक्रम निर्धारित है। राजा वांगचुक डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का भी अवलोकन करेंगे, जहां तकनीक के माध्यम से कुंभ के इतिहास और परंपराओं को प्रदर्शित किया गया है।
रात्रिभोज में शामिल हुए गणमान्य व्यक्ति
राजभवन में आयोजित रात्रिभोज में भूटानी प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम योगी, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। इस अवसर पर दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत और आपसी विश्वास को रेखांकित किया गया।
भारत-भूटान संबंधों का ऐतिहासिक संदर्भ
यह यात्रा भारत और भूटान के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ करने का अवसर है। गौरतलब है कि मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ड्रुक ग्यालपो’ से नवाजा गया था। यह सम्मान पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बने। दिसंबर 2024 में भूटानी राजदंपति की भारत यात्रा ने द्विपक्षीय साझेदारी को नया आयाम दिया था।
महाकुंभ की तैयारियों पर नजर
मुख्यमंत्री योगी ने इस दौरान बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रयागराज दौरे की तैयारियों का जायजा लिया। सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन और आधारभूत सुविधाओं को चाकचौबंद करने के निर्देश दिए गए। इस प्रकार, भूटान नरेश की यह यात्रा न केवल धार्मिक आयोजनों में सहभागिता, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को गति देने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।