बांदा जिले में डीएम नागेंद्र प्रताप के निर्देश पर अवैध खनन के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया गया है। राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने जांच में पाया कि 9930 घन मीटर अवैध खनन और परिवहन हुआ है। इस आधार पर संबंधित पट्टाधारकों पर करीब सवा करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माने की कार्रवाई पर सवाल
हालांकि, बार-बार जुर्माने की आवश्यकता पर सवाल उठते हैं कि क्या प्रशासन की यह कोशिशें पर्याप्त हैं। अवैध खनन पर रोकथाम क्यों नहीं लग पा रही है, यह एक बड़ा सवाल है। प्रशासन को अवैध खननकर्ताओं को रंगे हाथ पकड़कर ठोस दंडात्मक कार्यवाही का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
जांच के मुख्य निष्कर्ष
गंजा खदान पर, जहां मेसर्स ओम ट्रेडर्स के प्रो. राजेन्द्र प्रसाद तिवारी द्वारा 3503 घन मीटर अवैध खनन पाया गया, उन्हें 31,52,700 रुपए का जुर्माना हुआ। इसी तरह, बेंदा खादर में मेसर्स पहलवान ट्रेडर्स के प्रो. कैलाश यादव को 54,64,800 रुपए का जुर्माना लगाया गया, क्योंकि वहां 2310 घन मीटर अवैध खनन पाया गया।
पैलानी में अवैध खनन की स्थिति
पैलानी तहसील के मड़ौली खुर्द में मेसर्स प्रज्ञा विजन बिजनेस प्रा.लि. के निदेशक यदुवंशी विकास सिंह पर 27,13,500 रुपए का जुर्माना लगाया गया, जहाँ 1651.50 घन मीटर और अतिरिक्त 1363.50 घन मीटर अवैध खनन पाया गया। खपटिहा कला में शुद्धतम इंटरप्राइजेज के प्रो. मनोज मिश्रा पर 9,91,350 रुपए का जुर्माना लगाया गया, जहाँ 1101.50 घन मीटर अवैध खनन और परिवहन की पुष्टि हुई।
खानापूर्ति पर प्रशासन की चुप्पी
अवैध खनन की इस बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रशासन की खानापूर्ति करने की स्थिति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मरौली खंड 5 और बरियारी खदान में अवैध खनन पर कार्रवाई की प्रतीक्षा है, जिससे स्पष्ट है कि अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अभी और कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत है।