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LS Election: भाजपा को यूपी चुनाव में बड़ा झटका, इंडी गठबंधन की बढ़त!

Administration is busy in increasing the voting percentage in Kanpur and Akbarpur, 60% voting in only 2214 booths in 2019

Administration is busy in increasing the voting percentage in Kanpur and Akbarpur, 60% voting in only 2214 booths in 2019

लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्तर प्रदेश में बीजेपी को करारा झटका लगा है। यूपी में सबसे बड़ा सियासी उलटफेर करते हुए सपा और कांग्रेस गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और बीजेपी अपनी कई सीटों को बचाने में नाकाम रही। इसके लिए एक नहीं बल्कि कई फैक्टर्स को जिम्मेदार माना जा रहा है।

यूपी में भाजपा ने बहाया पसीना पर जनादेश इंडी के साथ

उत्तर प्रदेश में भाजपा ने चुनाव प्रचार में खूब पसीना बहाया। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां की। कई मंत्री और बड़े नेता लगातार यूपी के दौरे पर रहे। लेकिन जनादेश मन माफिक नहीं मिल पाया। राजनीति के जानकारों की माने तो यूपी में बीजेपी की जमीन खिसकने के पीछे एक बड़ी वजह योगी फैक्टर का काम न करना माना जा रहा है।

पूरे चुनाव के दौरान राजपूत समाज भी केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला के बयान से काफी नाराज दिखाई दिए और बीजेपी के खिलाफ वोट डालने की अपील करता रहा। क्षत्रियों की नाराजगी के पीछे एक वजह योगी आदित्यनाथ को लेकर समय-समय पर चल रहीं कई चर्चाएं भी आम थीं कि फिर से मोदी सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ को यूपी के सीएम के पद से हटाया जा सकता है। इन चर्चाओं की वजह से भी राजपूत वोटबैंक बीजेपी के खिलाफ नजर आया।

लगातार 2 विधानसभा चुनाव जीता भाजपा ने पर लोस चुनाव में लोगों का साथ नहीं

साल 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का ग्राफ तेजी से बढ़ा। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक के बाद एक दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त बहुमत हासिल किया। इसी वजह से वर्तमान लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जीतने के लिए यूपी सबसे आसान राज्यों में से एक था, जहां पर पार्टी ने 80 में से 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया था, लेकिन ये संभव नहीं हो सका।

यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सीटें बढ़ने के पीछे राहुल गांधी, अखिलेश यादव के वादे भी हैं। दोनों नेता हर चुनावी रैली में दावा करते रहे कि अगर मोदी सरकार 400 से ज्यादा सीटें जीतती है तो संविधान में बदलाव करके आरक्षण को हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही राहुल गांधी ने ‘जितनी आबादी उतना हक’ का नारा देकर पिछड़ों को अपने और सपा के साथ जोड़ लिया। वहीं अखिलेश का पीडीए यानि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का फॉर्मूला भी चला और पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक समुदाय का वोट इंडिया गठबंधन की झोली में चल गए।

विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर महंगाई बढ़ाने का लगाया आरोप

पिछले दस साल में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल बीजेपी सरकार पर महंगाई बढ़ाने और रोजगार न देने का आरोप लगाते रहे। गैस सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल समेत रोजमर्रा की जरूरतों के सामान की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष ने जमकर घेरा। उधर कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सरकार बनने पर 30 लाख नौकरियां देने के वादे ने युवा वोटरों को कांग्रेस की तरफ जोड़ने का काम किया।

कांग्रेस का किया वादा लोगों तक पहुंचने में सफल रहा

इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीब महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये देने का वादा किया था। राहुल गांधी सभी रैलियों में ये वादा करते नजर आए। इसका मैसेज दूर-दराज गांवों तक पहुंचा। मंच से राहुल गांधी के खटाखट जैसे नारों ने भी लोगों का ध्यान खींचा। ये सभी मुद्दे आखिरकार इंडिया गठबंधन के पक्ष में गए जिससे सपा और कांग्रेस दोनों को ही काफी फायदा देखने को मिला।

18वीं लोकसभा की तस्वीर साफ हो गई है। परिणामों के साथ ही एनडीए गठबंधन को बहुमत मिला है। लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा अपनी कई सीटें गवां बैठी। इससे साफ जाहिर है कि सबसे बड़े प्रदेश में बीजेपी को एक बार फिर से हारी हुई सीटों पर मंथन करना पड़ेगा।

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