बस्तीः शासन द्वारा संचालित योजनाएं लापरवाहियों के चलते धरातल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ रही हैं। ताजा मामला ब्लॉक संसाधन केंद्र कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय परिसर में देखने को मिला है। यहां इंटरमीडिएट कॉलेज बनाने के लिए चहरदीवारी और जर्जर अतिरिक्त कक्ष ढहाए जाने के दौरान बड़ी मात्रा में आयरन व पेट का कीड़ा मारने वाली दवाएं फेंकी मिलीं। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि तमाम दवाएं तो मलबे में दब गई। जो दवाएं देखने को मिलीं उन सभी की वैधता 2022 में समाप्त हो गई है। कुछ दवाएं गांव के बच्चे उठाकर ले जा रहे थे, इन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं है।इस दौरान एक ट्राई साईकिल और एक व्हील चेयर बिना प्रयोग किए टूटकर जर्जर हो गई हैं।
(डॉ. एफ आर हुसैन, एसीएमओ, बस्ती)
इस प्रकरण पर एसीएमओ डॉ. एफ आर हुसैन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए पेट के कीड़े मारने के लिए अल्बेंडाजोल और खून की कमी दूर करने के लिए आयरन की गोलियां उपलब्ध कराई गई थीं। जिन दवाओं का उपयोग नहीं हुआ था। उन्हें वापस कर दिया जाना चाहिए था। इतनी मात्रा में इन एक्सस्पायर दवाओं का मिलना बहुत ही गलत है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। जांच होने पर दोषी पाए गए अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। बहरहाल भारी मात्रा में लावारिस पड़ी एक्पायरी दवाओं को यदि भूलवश किसी बच्चे ने खा लिया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। यह बताने वाला कोई नहीं है।
बस्ती से संवाददाता धर्मेन्द्र द्विवेदी की रिपोर्ट