उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ से लोग अपना जीवन बचाने के लिए जद्दोहजहद कर रहे हैं। सरकार बाढ़ पाड़ितों को राहत सामग्री भेज रही है। लेकिन कुछ जिम्मेदार बाढ़ राहत सामग्री पर ही डाका डाल रहे हैं। बात करें बलिया जिले की तो यहां सहतवार थाना अंतर्गत कोलकला गाँव में बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाली सामग्री बाजार में बेची जा रही है।
गांव वालों ने रात के अंधेरे में राहत सामग्री से भरी गाड़ी को बेचने के लिए ले जाते समय रंगे हाथ पकड़ा। इसके बाद भारी संख्या में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाला राशन को रात के अंधेरे में गाड़ी और नाव के सहारे बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। जिसमें वो दो गाड़िया राशन ले जाने में कामयाब रहे, वहीं तीसरी गाड़ी को ग्रामीणों ने पकड़ लिया।
ग्रामीणों के मुताबिक सिंचाई विभाग के डाक बंगले के पीछे पैकेट को फाड़कर बाढ़ राहत सामग्री लेकर निकल गई। ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें संलिप्त लेखपाल संदीप सिंह भी मौके पर मौजूद थे, ग्रामीणों द्वारा गाड़ी पकड़े जाने पर, लेखपाल मौके से फरार हो गए।
ग्रामीणों ने राहत सामग्री ले जा रही गाड़ी सहित ड्राइवर को सिंचाई विभाग के कोलकला डाक बंगले पर बंधक बनाया और सिंचाई विभाग डाक बंगले के सामने जमकर हगांमा किया। सूचना पर सहतवार पुलिस मौके पर पहुंची वहीं विधायक प्रतिनिधि विश्राम सिंह बाढ़ पीड़ितों के साथ धरने पर बैठ गए।
सरकार बाढ़ पीड़ितों को लेकर तमाम तरह की योजनाएं और सुविधाएं बाढ़ पीड़ितों को दे रही है। लेकिन कहीं न कहीं कुछ ऐसे सरकारी सरकारी लोग हैं, जो इन महत्वपूर्ण योजनाओं को मिट्टी में मिलाकर सरकार के छवि को बदनाम कर रहे हैं।