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Milkipur Upchunav: मिल्कीपुर में बड़ा उलटफेर; भाजपा को बढ़त, सपा ने लगाया बूथ कैप्चरिंग का आरोप

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे रोचक मोड़ पर पहुंच गए हैं। भाजपा इस सीट पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। अब तक 30 में से 17 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है, जिसमें भाजपा को 42,886 वोटों की बढ़त मिली है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Milkipur Upchunav: मिल्कीपुर में बड़ा उलटफेर; भाजपा को बढ़त, सपा ने लगाया बूथ कैप्चरिंग का आरोप

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे रोचक मोड़ पर पहुंच गए हैं। भाजपा इस सीट पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। अब तक 30 में से 17 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है, जिसमें भाजपा को 42,886 वोटों की बढ़त मिली है।

भाजपा कार्यालय में जश्न, सपा खेमे में सन्नाटा

भाजपा कार्यालय में जीत की संभावनाओं के चलते जश्न का माहौल बना हुआ है। मिठाइयां बनवाई जा रही हैं और कार्यकर्ता जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद और उनके सांसद पिता अवधेश प्रसाद घर से बाहर नहीं निकले हैं।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज

पूर्व भाजपा प्रवक्ता अवधेश पांडेय ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा, “अयोध्या में समाजवादी पार्टी ने भगवान राम का अपमान किया था। जनता ने इसका जवाब दे दिया है।”

इस पर सांसद अवधेश प्रसाद ने पलटवार किया और भाजपा पर धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा ने बेईमानी का नया रिकॉर्ड बना दिया है। उनके गुंडों ने बूथ कैप्चरिंग की है, लेकिन फिर भी उनकी हार तय है।”

8 साल बाद भाजपा को मिल सकती है सीट

अगर भाजपा यह चुनाव जीतती है, तो 8 साल बाद यह सीट फिर से पार्टी के खाते में जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को 7,000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस उपचुनाव में स्थिति पूरी तरह बदल गई है।

उपचुनाव की जरूरत क्यों पड़ी?

मिल्कीपुर सीट समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद के पास थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें फैजाबाद (अयोध्या) से प्रत्याशी बनाया और वे सांसद चुने गए। उनके विधायक बनने के कारण यह सीट खाली हो गई थी।

यह उपचुनाव दिसंबर में होना था, लेकिन भाजपा नेता गोरखनाथ ने अवधेश प्रसाद के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नामांकन रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली, जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। अब देखना होगा कि क्या भाजपा अपनी बढ़त को बनाए रखते हुए सीट पर कब्जा कर पाती है या सपा की रणनीति आखिरी पलों में कोई नया मोड़ लाती है।

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