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भाजपा का मुसलमानों को रिझाने पर दांव : लखनऊ नामांकन करने पहुंचे राजनाथ के आवास पर समुदाय के लोगों ने की मेल मुलाकात

केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह का बुद्धवार का दिन शहर में काफी हैक्टिक रहा। दिन में उन्होंने अपना नामांकन किया तो रात अपने आवास पर मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली के नेतृत्व में सुन्नी उलमाओं के डेलिगेशन से मुलाकात करते हुए वे दिखाई दिए। और आपको बता दें कि आज से दो दिन पूर्व वे राजनाथ सिंह ने शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सिक्रेटरी और धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास से भी मिले थे ।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
भाजपा का मुसलमानों को रिझाने पर दांव : लखनऊ नामांकन करने पहुंचे राजनाथ के आवास पर समुदाय के लोगों ने की मेल मुलाकात

लखनऊ : केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह का बुद्धवार का दिन शहर में काफी हैक्टिक रहा। दिन में उन्होंने अपना नामांकन किया तो रात अपने आवास पर मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली के नेतृत्व में सुन्नी उलमाओं के डेलिगेशन से मुलाकात करते हुए वे दिखाई दिए। और आपको बता दें कि आज से दो दिन पूर्व वे राजनाथ सिंह ने शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सिक्रेटरी और धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास से भी मिले थे ।

अपने गृह नगर व संसदीय सीट लखनऊ से नामांकन के बाद शिया और सुन्नी उलमाओं का राजनाथसिंह से मुलाकात का दौर जारी

भाजपा ने मुसलमानों को रिझाने के लिए देश भर में अभियान चला रखा है। इसी सिलसिले में 29 अप्रैल को शिया धर्म गुरु मौलाना यासूब अब्बास ने राजनाथसिंह से उनके आवास पर मुलाकात की थी हालांकि मौलाना ने इसे महज एक औपचारिक मुलाकात बताया था। सुन्नी उलमाओं के डेलिगेशन से हुई मुलाकात में बड़ी संख्या में सुन्नी उलेमा , मदरसों के शिक्षक और मस्जिदों के इमाम उनके आवास पहुंचे। मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली के साथ हुई इस मुलाकात में अल्पसंख्यकों के विभिन्न मुद्दों पर उलमाओं ने रक्षामंत्री से अपनी बातें भी रख दी जिसमें मदरसा बोर्ड का भी मुद्दा शामिल था। फिलहाल, मदरसा बोर्ड का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

उच्चतम न्यायालय ने इलाहबाद हाई कोर्ट के यूपी बोर्ड ऑफ़ मदरसा एजुकेशन एक्ट पर दिए आदेश पर रोक लगा दी थी

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च को दिए आदेश पर रोक लगा दिया था। जिसमें हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ‘यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को असंवैधानिक बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का ये कहना कि मदरसा बोर्ड संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत का उल्लंघन करता है, ये ठीक नहीं है।

लुभावने नारों , पोस्टरों व किताबों के जरिये भी मुसलमानों को साधने का बीजेपी का दांव

भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए लुभावने नारों, पोस्टरों यहाँ तक कि उर्दू में लिखी किताबों का भी सहारा लिया । बीते दिनों बीजेपी की ओर से “ना दूरी है ना खाई है , मोदी हमारा भाई है ” नारा दिया गया था। साथ ही उर्दू मे पोस्टर दरगाहों और मस्जिदों में लगवाया गया था और मुस्लिम धर्मगुरुओं समेत आम मुसलमान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बीजेपी ने उर्दू में किताबें भी बांटा था। माना यह जा रहा है कि जिस तरीके से इन दिनों भाजपा से मुसलमान की नजदीकी बढ़ रही है यह बीजेपी के अभियान का परिणाम है जिसका असर राजनाथ सिंह के नामांकन में भी देखा गया था। यही नहीं, जहां जहां वे मुस्लिम समाज में गए लोगों ने उनको सर -आखों पर बैठा लिया ।

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