आम चुनाव के बाद अब यूपी में उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन सपा ने इस चुनाव से दूरी बनाने का फैसला किया है। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद विधान परिषद सीट के लिए होने वाले चुनाव में सपा ने उम्मीदवार न उतारने का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि मौर्य ने अखिलेश यादव के साथ वैचारिक मतभेदों के चलते सपा का दामन छोड़ दिया और अपनी अलग स्वयं की पार्टी बना ली थी। वहीं सपा के उम्मीदवार न उतारने से भाजपा का निर्विरोध जीतना लगभग पक्का हो गया है ।
सपा के पास संख्या बल नहीं
सपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई विधान परिषद की सीट पर अखिलेश यादव कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। बताया जा रहा कि सपा के पास संख्या बल नहीं है और यह सीट बीजेपी के खाते में जाना तय है। ऐसे में सपा इस सीट पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी। बीजेपी के पास यह सीट निर्विरोध जा सकती है। वही आने वाली 12 जुलाई को इस सीट के लिए मतदान होना था। 2 जुलाई नामंकन की आखिरी तारीख है।
फरवरी में स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ दी थी सपा
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी। पहले उन्होंने पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ते हुए विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनका अखिलेश यादव के साथ वैचारिक मतभेद है लेकिन कोई मनभेद नहीं है। अखिलेश समाजवादी विचारधारा के विपरीत जा रहे हैं। बाद में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी खुद की पार्टी(राष्ट्रीय शोषित समाज) बना ली थी।
विधान परिषद में मौर्य का कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक था। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई विधान परिषद की सीट पर चुनाव आयोग ने चुनाव का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि 25 जून से सीट के लिए नामांकन शुरू हो चुके हैं और 2 जुलाई तक नामांकन किए जा सकते हैं। 3 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 5 जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।
12 जुलाई को होगा मतदान उसी दिन वोटों की गिनती
12 जुलाई को मतदान होगा और उसी दिन शाम पांच बजे मतगणना कराई जाएगी। हालांकि, इस सीट पर सपा ने उम्मीदवार न उतारने का ऐलान किया है। इसका मुख्य कारण उसके पास संख्या बल का न होना है। विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव विधायक करते हैं। सपा के पास विधानसभा में कुल 104 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 249 सदस्य हैं। अगर सपा उम्मीदवार उतारती भी है, तो उसकी हार कही न कही तय है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव से पहले सपा पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अब देखने वाली बात ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई विधान परिषद की सीट पर कौन विराजमान होता है।