उत्तर प्रदेश के मुख़्यमंत्री की मिल्कीपुर में 24 जनवरी को होने वाली चुनावी रैली के लिए बीजेपी का चुनावी संपर्क अभियान और तेज हो गया है। पार्टी लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट की हार का बदला लेने के उन कमियों को दोहराना नहीं चाहती, जो लोकसभा के चुनाव में हार की कारण बनी थी। सूत्रों की माने तो बीजेपी पिछले चुनाव की हार की समीक्षा कर अब घर-घर संपर्क का कार्यक्रम चला रही है। पार्टी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान खुद भी प्रचार की टीम के साथ वोट मांग रहे हैं।
मिल्कीपुर के उपचुनाव की कमान सूबे के मुखिया ने खुद संभाल रखी है। चुनाव घोषित होने के बाद उनकी पहली सभा 24 जनवरी को मिल्कीपुर इलाके में होने जा रही है। चुनाव सभा में भारी भीड़ जुटा कर बीजेपी अपनी ताकत का एहसास भी कराना चाहती है। इसके लिए भी गांव-गांव संपर्क किया जा रहा है।
चुनाव प्रचार की कमान 7 मंत्रियों पर
चुनाव प्रचार की कमान 7 मंत्रियों सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, दयाशंकर सिंह दयालु जेपीएस राठौर आदि के अलावा संगठन के जिला और प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के हाथ में है। जिनका संचालन और कार्यक्रम की सफलता की समीक्षा भी विभिन्न स्तर पर की जा रही है। इसके अलावा जाति के आधार पर टोलिया बना कर विभिन्न वर्गों में संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। मतदाता पर्चियों का वितरण भी इस चुनाव में दो बार किया जाएगा।
भाजपा के पास उपलब्ध जातीय आंकड़े के हिसाब से वोटरों से संपर्क साधा जा रहा है। सुरक्षित सीट होने के कारण दलितों की संख्या अधिक है, जिसमें लगभग 50 हजार पासी, 40 हजार कोरी, 15 हजार चमार, 3 हजार कनौजिया हैं। इसके अलावा 70 हजार के करीब ब्राह्मण, 65 हजार यादव, 25 हजार ठाकुर, 20 हजार के करीब मुस्लिम मतदाता हैं। पासी, कोरी, ब्राह्मण और यादव चुनाव में प्रभावकारी भूमिका निभाते रहे हैं।
BSP के उम्मीदवार के वोट की महत्वपूर्ण भूमिका
वहीं दूसरी तरफ पिछले चुनावों पर नजर डालें तो बीजेपी के जीत के पीछे BSP के उम्मीदवार के वोट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 2017 के चुनाव में यहां से बीजेपी के बाबा गोरखनाथ ने 86960 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद को 58684 और बीएसपी के राम गोपाल को 46027 वोट मिले थे, जबकि पिछले चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को हराकर जीत दर्ज की। इस चुनाव में अवधेश प्रसाद को 103905 वोट, बाबा गोरखनाथ को 90567 और बीएसपी की मीरा देवी को 14427 वोट मिले। बीएसपी के कम वोट ने बीजेपी की जीत को प्रभावित किया।
गौरतलब है 5 फरवरी को होने जा रहे उपचुनाव में बीएसपी ने अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है। चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी ने संतोष कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। जो सपा के अवधेश प्रसाद के करीबी रहे हैं बहरहाल अब देखना यह होगा बीजेपी दलित वोटों में सेंध लगाने में कितनी कामयाब होती हैं ये तो उपचुनाव के बाद ही पता चल पायेगा|