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Loksabha Election 2024: भाजपा ने चौथी बार महेश शर्मा पर जताया विश्वास दिया नोएडा का टिकट। जानिए इस सीट के क्या है मायने?

BJP expressed confidence in Mahesh Sharma for the fourth time and gave him Noida ticket

BJP expressed confidence in Mahesh Sharma for the fourth time and gave him Noida ticket

लोकसभा की नोएडा सीट कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में भाजपा के पार्टी हाईकमान ने टिकट पर मुहर लगा दी है। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से भाजपा ने लगातार चौथी दफा मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा पर पार्टी का भरोसा जताते हुए उन्हें अपना लोकसभा उम्मीदवार चुना है।

लोकसभा 2024 चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा ने पहले ही लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी थी। जिसमें पीएम मोदी समेत 195 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करते हुए उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर से एक बार फिर डॉ. महेश शर्मा के नाम की घोषणा कर दी गई है। वह इस सीट से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वहीं इस सीट को भाजपा का गढ़ भी माना जाता है।

कौन है डॉ. महेश शर्मा

30 सितंबर, 1959 को अलवर के मनेठी गांव में जन्मे महेश शर्मा, खेती की पृष्ठभूमि वाले एक आध्यात्मिक परिवार में पले-बढ़े हैं। उनके पिता, कैलाश चंद शर्मा, एक स्कूल शिक्षक थे, और उनकी माँ एक गृहिणी थीं। माता-पिता के आशीर्वाद से, उनकी कड़ी मेहनत ने, भारतीय परंपराओं और सहानुभूति के गुणों से परिचय कराया, वे बचपन के शुरुआती दिनों से ही भारतीय संस्कृति और करुणा के बारे में समझना शुरू कर दिए थे।

उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई। इसके बाद वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा के लिए वह दिल्ली आ गए। उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 2012 में उन्हें नोएडा के एमिटी यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

वह बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गये। और वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान वह नोएडा से विधायक चुने गये। वह पेशे से एक चिकित्सक हैं और नोएडा स्थित कैलाश ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के मालिक हैं।

12 नवंबर 2014 को उन्हें संस्कृति और पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में नोएडा विधानसभा के पहले विधायक के रूप में भी काम किया है। उन्होंने राज्य और केंद्रीय स्तर पर भाजपा के दृष्टिकोण को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एक बार विधायक और 2 बार बन चुके हैं सांसद

मार्च, 2012 में, वह उत्तर प्रदेश के नोएडा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुने गए। दो साल बाद, मई, 2014 में गौतम बुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। फिर केंद्र सरकार में मंत्री बने। 2019 में भी चुनकर संसद भवन पहुंचे। अब लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने डॉ. महेश शर्मा पर लगातार चौथी बार भरोसा जताया है।

2019 में कौन-सी पार्टियों के समक्ष नोएडा के रण में मारी थी बाजी

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा चुनाव 2019 में गौतमबुद्ध नगर से भाजपा के डॉ महेश शर्मा ने जीत हासिल किया था। उनको कुल 830812 वोट हासिल हुए हैं। बसपा से सतबीर नागर दूसरे नंबर पर रहे थे और उनको 493890 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के डॉ. अरविंद कुमार सिंह थे। उनको 42077 वोट मिले थे।

2019 में हुआ था सपा-बसपा गठबंधन

अगर बात बसपा और सपा की करें तो इन दोनों पार्टियों ने आपस में समझौता कर लिया था। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन में लड़ा था। इस गठबंधन में बसपा को 10 सीटें और सपा को पांच सीटें मिली थीं। इस चुनाव के बाद सपा और बसपा का गठबंधन टूट गया। अब तक के राजनीतिक इतिहास की बात की जाए तो गौतमबुद्ध नगर जिले में अभी तक लोकसभा के तीन बार चुनाव हो चुके है।

इनमें एक बार बसपा और दो बार भाजपा को इस संसदीय सीट पर सफलता मिली है। वर्ष 2014-2019 के लोकसभा चुनाव में लगातार भाजपा ने दो बार इस सीट पर जीत हासिल की है। अब तक के राजनीतिक समीकरण की बात की जाए तो कयास लगाए जा रहे है कि इस लोकसभा सीट पर भाजपा के साथ कोई भी पार्टी टक्कर में नहीं है। वहीं अगर इस बार भी भाजपा जीत दर्ज कर लेती है तो भाजपा के वर्तमान सांसद डॉ. महेश शर्मा की हैट्रिक भी होगी।

2009 में बनी थी नोएडा लोकसभा सीट

वर्ष 2014-2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा को विजय मिली थी। बता दें कि नोएडा के इस संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा की पांच सीटे आती हैं। पर इस सीट की खास बात ये है कि इन सभी विधानसभा सीटों के मुद्दे विभिन्न हैं। इन सीटों पर विकास तो मुद्दा है ही लेकिन जातीय समीकरण भी यहां काफी महत्व रखते हैं। इस सीट की एक खास बात यह भी है कि यह जिला बसपा सुप्रीमों मायावती का गृह जनपद है। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर वर्ष 2009 में पहली बार चुनाव हुए थे। और यहीं से महेश शर्मा ने सियासी पारी का आगाज किया था। वे पहली बार नोएडा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर 2009 में उतरे थे लेकिन बसपा के सुरेंद्र नागर से करीब 16 हज़ार मतों उन्हें हार का मुख देखना पड़ा था।

इस चुनाव में बसपा से सुरेंद्र सिंह नागर ने जीत दर्ज कराई थी। वहीं भाजपा उम्मीदवार डॉ. महेश शर्मा दूसरे पायदान पर रहे थे। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट का गठन वर्ष 2009 में हुआ था। परिसीमन के बाद गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। नोएडा, जेवर और दादरी गौतमबुद्ध नगर जिले के अंतर्गत आते हैं, जबकि सिकंदराबाद और खुर्जा बुलंदशहर जिले के अंतर्गत आते हैं।

यदि आंकड़ों की बात करे तो वर्ष 2019 में सांसद डॉ. महेश शर्मा को पांचों विधानसभा क्षेत्रों में नोएडा 31.35%, दादरी 23.37%, जेवर 13.03%, सिकंदराबाद 15.30% और खुर्जा 16.61 प्रतिशत वोट मिले थे। उनको कुल 8,30,812 वोट मिले थे। उनका वोट प्रतिशत तकरीबन 60 फीसदी रहा था। वहीं बसपा के प्रत्याशी सतबीर नागर को 4,93,890 वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के डॉ. अरविंद कुमार सिंह रहे थे जिनको 42077 वोटों से संतोष करना पड़ा था।

दूसरों के जीवन में बदलाव लाना

कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं. वे न केवल जीवन बचाते हैं, बल्कि अपनी निस्वार्थ सेवा से जीवन को एक नया अर्थ भी देते हैं। पेशे से चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा ने दूसरों की सेवा करने में सक्षम होने के लिए इस क्षेत्र को चुना। हालाँकि उनके शुरुआती दिन संघर्षों से भरे थे, लेकिन उनके कभी न हार मानने वाले रवैये ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

यह 1983 की बात है जब इस विनम्र और विद्वान व्यक्ति ने एक जनरल फिजिशियन के रूप में अपना करियर शुरू किया, और तत्कालीन बढ़ते इलाके, नोएडा को अपनी ” कर्मभूमि ” के लिए चुना। बाद में उन्होंने नोएडा के सेक्टर 19 में एक छोटे से 10×10 कमरे में क्लिनिक से अपनी शुरुआती प्रैक्टिस शुरू कर दी। धीरे-धीरे, उनके कड़ी मेहनत और लगन के दृष्टिकोण, दयालु व्यक्तित्व और मिलनसारिता ने उन्हें चिकित्सा अभ्यास के दौरान कई दिलों में अपना घर बना लिया।

वह जल्द ही एक प्रिय डॉक्टर बन गए, जिन तक समाज के सभी वर्ग आसानी से पहुंच सकते थे – आजकल यह दुर्लभ बात है। दयालुता और सहानुभूति अपने अंदर कूट-कूट कर भरी होने के कारण, डॉ. शर्मा अपने मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों को बहुत सहानुभूति और धैर्य के साथ सुनते थे, इतना कि कभी-कभी तो उन्हें अपने परामर्श शुल्क की भी परवाह नहीं होती थी। जैसा कि कहा जाता है, ‘सदाचार ही सबसे सच्चा बड़प्पन है’ और डॉ. शर्मा ने इसे हमेशा सही साबित किया है।

काम से परे

डॉ. शर्मा ने 22 जनवरी, 1987 को उमा शर्मा से शादी की। पेशे से स्त्री रोग विशेषज्ञ, उमा शर्मा उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की रहने वाली हैं। वह कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग की प्रमुख हैं। डॉ. महेश शर्मा और उमा शर्मा के दो बच्चे हैं। उनकी बेटी डॉ. पल्लवी शर्मा ने एमएस (नेत्र सर्जन) पूरा किया है और उनके बेटे, डॉ. कार्तिक शर्मा, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमएचए (मास्टर्स इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ एमबीबीएस हैं।

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