वृंदावन में बसंत पंचमी के अवसर पर होली महोत्सव की धूमधाम से शुरुआत हुई। बांके बिहारी मंदिर में पुजारियों ने भगवान के गालों पर गुलाल लगाया और फिर श्रद्धालुओं के बीच प्रसादी गुलाल वितरित किया। इस तरह ब्रज में 40 दिनों तक चलने वाले होली उत्सव का शुभारंभ हुआ।
भक्तों में दिखा उल्लास, मंदिरों में बिखरे रंग
बांके बिहारी मंदिर में भगवान के जयघोष से पूरा परिसर गूंज उठा। भक्तों पर जमकर अबीर-गुलाल बरसाया गया, जिससे पूरा वातावरण रंगों से सराबोर हो गया। हजारों श्रद्धालु इस पावन क्षण के साक्षी बने। सुबह 8 बजे तक ही लगभग 20,000 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर चुके थे।
ब्रज की होली के मुख्य आयोजन
ब्रज में होली महोत्सव केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि पूरे 40 दिन तक उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। हर दिन अलग-अलग स्थानों पर विशिष्ट परंपराओं के साथ होली खेली जाती है।
महत्वपूर्ण तिथियां और कार्यक्रम:
7 मार्च – बरसाना की लड्डू होली
8 मार्च – बरसाना में लठमार होली
9 मार्च – नंदगांव में लठमार होली
10 मार्च – रंगभरी एकादशी एवं वृंदावन परिक्रमा
11 मार्च – मथुरा की लठमार होली और गोकुल की छड़ीमार होली
13 मार्च – होलिका दहन और फालैन में जलती होलिका से पंडा निकलने की परंपरा
15 मार्च – दाऊजी का हुरंगा और मुखराई में चरकुला नृत्य
19 मार्च – वृंदावन के रंगजी मंदिर में भव्य होली उत्सव
रंगनाथ मंदिर में होगा समापन
ब्रज की यह अनूठी होली, जिसे प्रेम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, 40 दिनों तक विविध स्थानों पर अलग-अलग विधियों से मनाई जाती है। यह उत्सव रंगनाथ मंदिर में होने वाली होली के साथ संपन्न होगा। ब्रज की होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि श्रद्धा, प्रेम और संस्कृति का अद्भुत संगम है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।