स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) में उत्तर प्रदेश ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इस सम्मेलन में ‘ब्रांड यूपी’ की जबरदस्त पहचान बनी, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश को 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन प्रस्तावों ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित किया है।
प्रमुख कंपनियों ने दिखाया निवेश का भरोसा
दावोस में उत्तर प्रदेश ने कृषि, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रयास किए। कोका-कोला, एबी इनबेव, एएम ग्रीन्स, बिसलेरी इंटरनेशनल और सिफी टेक्नोलॉजी जैसी वैश्विक कंपनियों ने निवेश में रुचि दिखाई और कई समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
कोका-कोला का बड़ा निवेश
कोका-कोला ने मून बेवरेज और एसएलएमजी बेवरेज के माध्यम से उत्तर प्रदेश में दो नए बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। इस परियोजना में 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा, जिससे राज्य में कोका-कोला के उत्पादन और वितरण नेटवर्क का विस्तार होगा।
एनहेसर बुश इनबेव का डिस्टिलरी प्लांट
बडवाइज़र ब्रांड बनाने वाली प्रमुख बीयर कंपनी एनहेसर बुश इनबेव ने भी उत्तर प्रदेश में 1,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नया डिस्टिलरी प्लांट स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
यूपी की वैश्विक छवि को मजबूती
दावोस में उत्तर प्रदेश को मिले इन निवेश प्रस्तावों ने प्रदेश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ किया है। इससे स्पष्ट होता है कि यूपी अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक स्थान बन चुका है। इन निवेशों से राज्य में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
यूपी सरकार की पहल रंग लाई
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए की गई कोशिशें अब सफल होती दिख रही हैं। इन प्रस्तावों से यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश न केवल देश बल्कि विदेशों में भी निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन रहा है। दावोस में मिली इस सफलता से प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को और गति मिलेगी।