वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट अनुमानों की घोषणा करते हुए सर्वप्रथम प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 का जिक्र किया। यह पर्व 144 वर्षों बाद आता है और देश-विदेश से 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक दुर्लभ खगोलीय घटना भी है, जिसका वर्णन वेदों और पुराणों में मिलता है।
उत्तर प्रदेश: विकास के पथ पर अग्रसर
मंत्री सुरेश खन्ना ने राज्य की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। पिछले आठ वर्षों में कानून-व्यवस्था, औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य सेवाओं और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में बड़ी छलांग लगाई है।
आधुनिक तकनीक और नवाचार
सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसंरचना में डिजिटल तकनीक के उपयोग को प्राथमिकता दी है। इससे नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है।
आर्थिक लक्ष्य: 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर
राज्य सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने के लिए 10 प्रमुख क्षेत्र चिन्हित किए हैं, जिनमें कृषि, पर्यटन, ऊर्जा, आईटी और स्वास्थ्य शामिल हैं। इन क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए “इन्वेस्ट यूपी” जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
औद्योगिक विकास और रोजगार
उन्नत अवसंरचना, विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और नीतिगत सुधारों से उत्तर प्रदेश देश में निवेश का प्रमुख केंद्र बन रहा है। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं।
राजकोषीय अनुशासन: आर्थिक स्थिरता की बुनियाद
– वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश का फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 45.9 तक पहुँचा, जो 2014-19 में 37.0 था।
– पूँजीगत व्यय कुल बजट का 19.3% हो गया, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
– स्वास्थ्य पर व्यय बढ़कर 6.5% हुआ, जो प्रमुख राज्यों में सर्वोच्च है।
ऋण प्रबंधन में सफलता
राजस्व बचत और प्राथमिक घाटे में कमी से सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में ऋण भार घटा है।
भविष्य की दिशा: संतुलित और समावेशी विकास
डिजिटल पहल और नागरिक कल्याण “निवेश मित्र” और “ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन” जैसी योजनाओं से व्यापार करने में आसानी हुई है। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
कवि की पंक्तियों में संकल्प
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने संबोधन का समापन इन पंक्तियों से किया: “जिस दिन से चला हूँ, मेरी मंजिल पर नजर है… आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।” यह बजट उत्तर प्रदेश को “विकास के नए युग” में ले जाने की दिशा में एक सुदृढ़ कदम है…