लखनऊः केन-बेतवा लिंक परियोजना के जरिए अब योगी सरकार बुंदेलखंड में ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचित करने की कवायद में जुट गई है। इस परियोजना को मूर्त रूप देने के बाद जहां महोबा, झांसी और ललितपुर में हजारों हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित की जा सकेगी, वहीं बांदा में करीब दो लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित बनाया जा सकेगा। योगी सरकार इसके अलावा बांदा और पैलानी में केन नदी पर दो नये बैराज भी बना रही है। इतना ही नहीं 100 साल से अधिक पुराने बरियापुर पिकअप वियर और पारीक्षा वियर तथा 300 साल से भी पुराने बरुआ सागर बांध के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के प्रयास भी तेज हो गए हैं।
2030 तक पूरी होगी केन बेतवा लिंक परियोजना
केन बेतवा लिंक परियोजना में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से आगे बढ़ रही है। 221 किमी लंबी केन बेतवा लिंक परियोजना में उत्तर प्रदेश में 21 किमी के लिंक चैनल का निर्माण होना है, जिसके लिए 271 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। इस बहुउद्देशीय परियोजना को 2030 तक पूरा किया जाना है। वर्तमान में केन नहर प्रणाली द्वारा बांदा में 87 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित है। योगी सरकार इसे बढ़ाकर बांदा में ही करीब दो लाख हेक्टेयर करने की तैयारी में है। इसके अलावा महोबा में 37 हजार हेक्टेयर से अधिक, झांसी में 17 हजार हेक्टेयर से अधिक और ललितपुर में 3 हजार हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त भूमि को सिंचित बनाने का लक्ष्य है। वहीं बांदा में 1.66 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य भी योगी सरकार कराने जा रही है, जिसपर 1191.51 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को नवंबर 2024 में शुरू करके मार्च 2028 तक पूरा करना है।
बनेंगे दो नये बैराज, पुरानी परियोजनाओं का होगा जीर्णोद्धार
महोबा में 510 करोड़ रुपए की लागत से 15 बांध और बड़े तालाबों के जीर्णोद्धार और केन बेतवा लिंक नहर से इनके भराव का प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ रहा है। यह प्रोजेक्ट जून 2025 से शुरू होगा, जिसे मार्च 2028 तक पूरा करना है। वहीं केन नदी पर दो नये बैराज बांदा और पैलानी में बनाये जाएंगे। करीब दो हजार करोड़ की लागत वाला यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2025 से शुरू हो जाएगा, जिसे जून 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य योगी सरकार ने रखा है। इसके साथ ही योगी सरकार बुंदेलखंड के बरियापुर पिकअप वियर, पारीक्षा वियर और बरुआ सागर बांद का भी जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण कराने जा रही है। बरियापुर वियर का निर्माण 1906 में हुआ था, जबकि पारीक्षा वियर को 1910 में बनाया गया था। वहीं झांसी में बरुआ सागर बांध का निर्माण सन 1700 में हुआ था। अब सरकार इन तीनों का जीर्णोद्धार और पुनर्निमाण कराने जा रही है। इसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को डीपीआर बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके ई-टेंडर का कार्य फरवरी 2025 से शुरू होगा, जबकि अप्रैल 2025 से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इन तीनों प्रोजेक्ट को मार्च 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है।