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Agra News: 28 जनवरी को भारतीय वायुसेना में शामिल होगा सी-295, जानें इस विमान की खासियतें

भारतीय वायुसेना के लिए 28 जनवरी का दिन ऐतिहासिक होगा। इस दिन स्पेन में निर्मित सी-295 परिवहन विमान वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बनेगा। पहला बैच आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित समारोह में शामिल किया जाएगा। सी-295 विमान का बेस स्टेशन भी आगरा एयरफोर्स ही होगा।

स्पेन में निर्माण, भारत में आत्मनिर्भरता

सी-295 विमानों का निर्माण स्पेन के सेविले में एयरबस द्वारा किया जा रहा है। भारत के लिए 16 विमान स्पेन में बनाए जाएंगे, जबकि 40 विमान गुजरात में टाटा और एयरबस के संयुक्त प्रयास से तैयार किए जाएंगे। यह कदम आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देगा। इसके माध्यम से 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। हर साल 12 विमानों को वायुसेना में शामिल किया जाएगा।

नवंबर से चल रही पायलटों की ट्रेनिंग

आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर नवंबर 2024 से पायलटों को सी-295 के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण अत्याधुनिक फुल मोशल सिम्युलेटर पर हो रहा है। पायलटों को तकनीकी शिफ्ट, पैराड्रॉपिंग, पैराट्रूपिंग, चिकित्सा निकासी और आपदा राहत जैसे मिशनों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

सी-295 की खासियतें

1. भारी पेलोड क्षमता
यह विमान 7,050 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है। इसके अलावा, यह 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को एक बार में ले जा सकता है।

2. लंबी उड़ान क्षमता
सी-295 विमान 11 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।

3. उन्नत तकनीक से लैस
इसमें 2 प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगे हैं। इसके अलावा, स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट इसे और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाता है।

4. शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग क्षमता
यह विमान केवल 320 मीटर की दूरी में टेकऑफ और 670 मीटर की दूरी में लैंडिंग कर सकता है। यह इसे पहाड़ी इलाकों जैसे लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम में उपयोग के लिए आदर्श बनाता है।

5. पीछे की रैम्प डोर
सी-295 में एक रैम्प डोर दी गई है, जो सैनिकों और सामान को तेजी से लोड और ड्रॉप करने में सहायक है।

रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम

सी-295 का भारतीय वायुसेना में शामिल होना देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा। यह विमान दुर्गम क्षेत्रों में त्वरित ऑपरेशन के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित होगा। 28 जनवरी का यह दिन भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगा।

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