बिजनौर में वन विभाग को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पांच महीने की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग को पहली कामयाबी मिली। गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से जो जाल बिछाया गया था, वो उसमें फंस ही गया। रेहड़ थाना क्षेत्र के सादकपुर गांव में लगाए गए पिंजरे में गुलदार फंस गया। गुलदार के फंसने पर गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। दो जुलाई को सादकपुर भटपुरा मार्ग पर पिंजरा लगाया गया था। 30 जुलाई को भटपुरे में एक युवती की मौत के बाद गुलदार को पकड़ने के लिए सर्वेश वत्सल के ट्यूबवेल पर पिंजरा लगाया गया।
इसके बाद 31 जुलाई को दो पिंजरे गांव निवासी चमन सिंह व नत्थू सिंह के खेतों पर भरपुरा खैरूल्लापुर नहर मार्ग पर लगाए गए थे। लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी। इसके बाद गुलदार की मौजूदगी सादकपुर गांव के पास मिली। जिसकी सूचना गांव वालों ने वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग ऐक्टिव हुआ और उसको पकड़ने के लिए यहां पिंजरा लगाया। उनके बिछाए जाल में गुलदार फंस ही गया। जिससे वन विभाग की टीम राहत भरी सांस ली।
आपको बता दें कि रेहड़ थाना क्षेत्र के गांव उदयपुर, मुस्सेपुर, बादशाहपुर, मच्छमार, भटपुरा व हसनपुर में गुलदार ने जमकर आतंक मचाया था। अब देखना यह है कि पिंजरे मे फंसा गुलदार नरभक्षी घोषित क्या खूनी गुलदार है या कोई अन्य है। पिछले छह-सात महीने में गुलदार का यहां आतंक था। दस से ज्यादा लोगों को गुलदार ने अपना शिकार बनाया है। यही वजह कि यहां के लोग घर से बाहर निकलने में भी डरते थे।
यहां लगभग 50 किलोमीटर की दूरी में 12 संवेदनशील इलाकों को चिंहित कर 12 टीम तैनात की गई थी। सभी टीमों में वन विभाग के अधिकारी, पुलिसकर्मी, डॉक्टर और राजस्वकर्मियों की तैनाती की गई थी। इस टीम हथियार, ट्रैंक्यूलाइज गन, जाल और पिंजरों के साथ गुलदार को पकड़ने के काम पर लगाया गया था। गुलदार के लगातार हमलों के बाद उसकी तलाश की जा रही थी। उसकी चाल से ही उसे मात देने की तैयारी थी। विशेषज्ञों ने कोतवाली देहात से रेहड़ तक 12 ऐसी जगह चिह्नित कर ली हैं, जहां पर गुलदार की चहलकदमी सबसे ज्यादा हो रही थी।
यहां गुलदार को पकड़ने के लिए हर एक जगह के लिए 12 लोगों की टीम बनाई गई थी। जिसमें दो पुलिसकर्मी, दो राजस्वकर्मी, एक ट्रैंक्यूलाइज विशेषज्ञ चिकित्सक, एक रेंजर, एक वाचर की तैनाती की गई थी। इसके अलावा टीम के पास दो हथियार, एक ट्रैक्यूलाइज गन, एक ड्रोन कैमरा, जाल भी रहेगा। टीम ने इन संवेदनशील जगहों पर मचान बनानी शुरू कर दी है।
डीएफओ ने बताया था कि गुलदार के हमले में पिछले छह-सात महीने में लगभग 13 मौतें हुईं हैं। जब उनसे पूछा गया कि गुलदार को पकड़ने के लिए अब तक क्या प्रयास हुआ है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर लिखने बैठे तो पूरी किताब भर जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 10 टीमें लगी हुईं हैं इसको कॉम्बिंग करने करने के लिए। उन्होंने बताया कि उसको पकड़ने के लिए टीमें कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उसको ट्रैक करने के लिए दो ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं।
बिजनौर से संवाददाता रोहित कुमार की रिपोर्ट।