चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती के पावन अवसर पर प्रयागराज समेत पूरे उत्तर प्रदेश में भक्ति, श्रद्धा और उल्लास का माहौल देखने को मिला।
चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती के पावन अवसर पर प्रयागराज समेत पूरे उत्तर प्रदेश में भक्ति, श्रद्धा और उल्लास का माहौल देखने को मिला।
योगी सरकार महाकुंभ 2025 के आर्थिक प्रभावों का अध्ययन कराएगी। प्रयागराज समेत 11 जिलों से दिसंबर से फरवरी के बीच आर्थिक आंकड़े जुटाए जाएंगे। जानें इसका उद्देश्य और संभावित फायदे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को श्रृंगवेरपुरधाम स्थित निषादराज पार्क पहुंचे और निषादराज गुह्य की जयंती समारोह में भाग लिया। इस मौके पर एक 5 वर्षीय बालक ने उन्हें शिव तांडव स्तोत्र सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रृंगवेरपुर धाम में जनसभा को करेंगे संबोधित, लाभार्थियों को किया जाएगा सम्मानित...
महाकुंभ 2025 का आयोजन भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस ऐतिहासिक आयोजन पर बोलते हुए इसकी भव्यता और सफलता की जमकर सराहना की।
संगम नगरी प्रयागराज में होली की शुरुआत एक अनूठी परंपरा, हथौड़ा बारात के साथ होती है। यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसे होली के रंगों से सराबोर हुलियारों (होली खेलने वालों) द्वारा पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाया जाता है।
अखिलेश यादव द्वारा कुंभ पर सवाल उठाने को लेकर आचार्य महामंडलेश्वर निरंजन अखाड़ा स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुंभ पर सवाल खड़ा करना केवल एक धार्मिक आयोजन पर टिप्पणी नहीं, बल्कि हिंदू और सनातन धर्मावलंबियों पर सीधा हमला है।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसने नई पीढ़ी को सनातन परंपरा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। आधुनिक डिजिटल युग में सोशल मीडिया और तकनीक से जुड़े युवाओं ने इस बार महाकुंभ में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 सिर्फ आस्था और अध्यात्म का महापर्व ही नहीं रहा, बल्कि इसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भी एक नई राह खोल दी।
प्रयागराज महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र नहीं रहा, बल्कि इसने लाखों लोगों की आर्थिक स्थिति (Financial Condition) को भी बदल दिया। इस महाकुंभ ने छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और नाविकों के जीवन में आर्थिक समृद्धि (Economic Prosperity) की नई लहर पैदा की।
महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इसने प्रयागराज की अर्थव्यवस्था को भी एक बड़े आर्थिक उछाल (Economic Boost) का अवसर दिया।
महाकुम्भ के बाद भी प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु करेंगे स्वच्छ और निर्मल संगम में स्नान। मेला क्षेत्र, संगम के घाट, मंदिरों के कॉरिडोर किये जाएंगे स्वच्छ और निर्मल।