महाकुंभ 2025 में संतों और बाबाओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण, जो अपने अनोखे कृष्ण स्वरूप और बुलेट पर भ्रमण करने की वजह से चर्चा में हैं।
महाकुंभ 2025 में संतों और बाबाओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण, जो अपने अनोखे कृष्ण स्वरूप और बुलेट पर भ्रमण करने की वजह से चर्चा में हैं।
प्रयागराज महाकुम्भ में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मध्यप्रदेश द्वारा एकात्म धाम में तीसरे दिन मंगलवार को ऋषि चैतन्य आश्रम की प्रमुख आनंदमूर्ति गुरू माँ ने आचार्य शंकर विरचित ‘दृग्-दृश्य विवेक’ पर प्रवचन दिए, इस अवसर पर साधु संतो सहित हजारों की संख्या में देश-विदेश के श्रोतागण उपस्थित रहे।
महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा देखने को मिल रही हैं।करोड़ों की संख्या में लोग पुण्य स्नान के लिए संगम तट की ओर उमड़ पड़े हैं।इस दौरान जो सबसे अनूठी चीज देखने को मिली वो पुलिस का व्यवहार है,यूं तो श्रद्धालुओं को राह दिखाने के लिए मेला प्रशासन की ओर से 800 के करीब साइनेजेस लगाए गए हैं लेकिन राह दिखाने के लिए योगी सरकार की पुलिस पर लोगों ने
मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य और हर जाति लोगों ने एक साथ संगम में अमृत स्नान किया। इसके साथ दुनिया भर के कई देशों के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।
महाकुंभ नगर, जिसे मंदिरों और घाटों की नगरी कहा जाता है, में सनातनी आस्था का अनोखा स्वरूप देखने को मिला। त्रिवेणी घाट पर आयोजित गंगा आरती ने भक्ति और आस्था का ऐसा माहौल रचा कि हर कोई उसमें खो गया।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज के महाकुंभ में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
मकर संक्रांति पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, दूसरा स्नान आज...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुम्भ को एकता का महाकुम्भ करार दिया है। पीएम मोदी और सीएम योगी के इस कथन को सोशल मीडिया में भी खूब सराहा जा रहा है।
महाकुम्भ प्रयागराज के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा स्नान पर सोमवार को संगम तट पर उमड़ी भीड़ में पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीरों संग सेल्फी लेने और फोटो खिंचाने की होड़ दिखाई दी।
महाकुम्भ 2025 में भारत समेत पूरी दुनिया के लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। इस महाकुम्भ में अनेकता में एकता के साथ-साथ कारोबार और परोपकार का अनूठा संगम भी देखने को मिल रहा है।
महाकुंभ 2025 का पहला स्नान भव्यता और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण रहा। प्रयागराज में संगम तट पर आज पहले स्नान के दिन करीब 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक आयोजन में देश-विदेश से भक्त पहुंचे हैं, जिसमें 20 देशों के श्रद्धालु भी शामिल हैं।
महाकुंभ में पहुंचने वाले करोड़ो श्रद्धालुओं के लिये खासा इतंजाम किया गया है लाखो श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डूबकी लगा चुके है। महाकुंभ नगर में पहुंचने वाले श्रद्वालुओं के लिये ट्रांसपोर्ट ने खास इंतजाम किये है।
Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुम्भ में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा अद्वैत वेदान्त दर्शन के लोकव्यापीकरण एवं सार्वभौमिक एकात्मता की संकल्पना के उद्देश्य से 12 जनवरी से 12 फरवरी तक चलने वाले एकात्म धाम शिविर का शुभारंभ रविवार को ऋषि चैतन्य आश्रम की प्रमुख आनंदमूर्ति गुरू माँ ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया |
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आगाज आज, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर आस्था प्रकट की और पुण्य लाभ अर्जित किया। यह आयोजन आध्यात्मिकता और परंपराओं का प्रतीक है, जिसमें देश-विदेश से लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं।
प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। यह आयोजन, जो विभिन्न विचारों, परंपराओं और संस्कृतियों का संगम है, श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र बन गया है।