महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान का एक महान अवसर है। आनंदधाम के पीठाधीश्वर सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज के अनुसार, महाकुंभ केवल संतों और तपस्वियों के लिए नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए है।
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान का एक महान अवसर है। आनंदधाम के पीठाधीश्वर सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज के अनुसार, महाकुंभ केवल संतों और तपस्वियों के लिए नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए है।
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है।
संत पंचमी के पवित्र अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। महाकुम्भ के तीसरे अमृत स्नान पर करोड़ों श्रद्धालु देर रात से ही पुण्य की कामना के साथ संगम की रेत पर एकत्रित होने लगे।
महाकुम्भ 2025 के अंतिम अमृत स्नान में नागाओं के जोश और परंपरा ने बढ़ाया उत्साह...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी के पावन अवसर पर अमृत स्नान की व्यवस्था की निगरानी के लिए प्रातः साढ़े तीन बजे से अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में बैठक की।
प्रयागराज महाकुंभ : मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार एक्शन मोड पर नजर आ रहे हैं, सीएम योगी ने शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। सबसे पहले वह संगम तट पर वहां पहुंचे, जहां भगदड़ हुई थी
महाकुंभ 2025 में न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा और परंपराओं की शिक्षा भी दी जा रही है। देवसेना नामक संगठन तीर्थयात्रियों को शास्त्रों के साथ शस्त्रों की भी जानकारी दे रहा है।
महाकुंभ 2025 में स्वच्छता और व्यवस्था का खास ध्यान रखा गया है। 13 से 31 जनवरी के बीच संगम में 31.46 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, जो दिल्ली की कुल आबादी से नौ गुना ज्यादा है।
गोवर्धनमठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य का पद प्रामाणिकता और परंपरा पर आधारित होना चाहिए, न कि राजनीतिक प्रभाव से प्रभावित।
प्रयागराज में किसानों के सम्मान में स्थापित हुआ अनूठा आस्था केंद्र, चार बार होती है भव्य आरती...
आस्था के महापर्व महाकुम्भ के सबसे अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर्व पर 8 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। मौनी अमावस्या पर्व के दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं के महाकुम्भ में आने का क्रम जारी रहा। पर्व के दूसरे दिन भी लगभग 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया।
हाकुम्भनगर में उमड़ रहे आस्था के जनसमुद्र को संभालने और सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश के हर कोने से लोग तत्पर दिख रहे हैं।
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुगम वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने प्रयागराज कमिश्नरेट में वाहनों के प्रवेश पर लगी रोक हटा दी है। जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने जानकारी दी कि अब वाहन प्रवेश को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा, हालांकि मेला क्षेत्र में यातायात संबंधी नियम पहले की तरह लागू रहेंगे।
महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी (3 फरवरी) के तीसरे अमृत स्नान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने इस बार सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष रणनीति बनाई है।
महाकुंभ 2025 में वैष्णव परंपरा के साधुओं द्वारा कठिनतम खप्पर तपस्या की जाएगी। इस बार करीब 350 तपस्वी धूनी साधना में लीन होंगे। यह साधना अखाड़ों में साधुओं की वरिष्ठता निर्धारित करने का प्रमुख आधार मानी जाती है।