नोएडा के बहुचर्चित स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। अब तक स्पोर्ट्स सिटी से जुड़ी 44 फाइलें सीबीआई अपने कब्जे में ले चुकी है। इन दस्तावेजों की गहन छानबीन के बाद जल्द ही तत्कालीन अधिकारियों को नोटिस भेजकर पूछताछ शुरू की जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई और ईडी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। सीबीआई ने तीन प्रमुख बिल्डर कंसोर्टियम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच में कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं।
किन बिल्डरों पर दर्ज हैं एफआईआर?
सीबीआई ने स्पोर्ट्स सिटी आवंटन मामले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं:
- लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड
- लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड
- जनाडु एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (कंसोर्टियम)
इन पर आरोप है कि इन्होंने 2011 से 2017 के बीच नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी की और घर खरीदारों को धोखा दिया।
फाइलों से जुड़े हैं 50 से ज्यादा अधिकारी, जल्द जारी होंगे नोटिस
सीबीआई ने अब तक जनाडु एस्टेट, लॉजिक्स इंफ्रा और लोटस ग्रीन से संबंधित 44 फाइलें कब्जे में ली हैं। इन फाइलों पर करीब 50 तत्कालीन अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।
सीबीआई अब इन्हीं अधिकारियों को नोटिस भेजकर पूछताछ करेगी। बताया जा रहा है कि सीबीआई प्राधिकरण के कई दौरों और फिजिकल इंस्पेक्शन के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दे रही है।
सीएजी ने घोटाले में बताया 9000 करोड़ का नुकसान
कैग (CAG) की रिपोर्ट ने इस घोटाले का बड़ा खुलासा किया था। रिपोर्ट के मुताबिक:
- डेवलपर्स को बाजार दर से बेहद कम कीमत पर जमीन दी गई,
- स्वामित्व का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया,
- लीज प्रीमियम, पेनल्टी और ट्रांसफर चार्ज तक नहीं वसूले गए,
- खेल गतिविधियों के अधूरे विकास के बावजूद कब्जा प्रमाण पत्र (OC) जारी किए गए।
इस घोटाले से नोएडा प्राधिकरण और राज्य सरकार को करीब 9000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कानूनी तैयारी में जुटा नोएडा प्राधिकरण
नोएडा प्राधिकरण अब इस पूरे मामले में लीगल एक्शन के लिए एक विशेषज्ञ कानूनी सलाहकार (Legal Expert) की नियुक्ति कर रहा है। ये सलाहकार हाईकोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगे, स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े अन्य मामलों में समयबद्ध कार्रवाई कराएंगे। सीईओ लोकेश एम ने बताया कि जल्द ही एक्सपर्ट का चयन कर लिया जाएगा ताकि अदालतों में प्राधिकरण की ओर से प्रभावी ढंग से पक्ष रखा जा सके।
साथ ही, स्पोर्ट्स सिटी से संबंधित सभी फाइलें पहले ही सीबीआई को सौंपी जा चुकी हैं। एक ओएसडी स्तर के अधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया है जो सीबीआई से समन्वय कर रहे हैं।