नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच की कमान संभाल ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इस बहुचर्चित मामले में तीन एफआईआर दर्ज कर जांच की शुरुआत कर दी है। इसमें लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स, लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन, और जनायडू एस्टेट शामिल हैं।
उधर, नोएडा प्राधिकरण ने भी अपनी ओर से कार्रवाई तेज करते हुए कुल 17 बिल्डरों को 3145.56 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए नोटिस जारी किए हैं। यह सभी बिल्डर सेक्टर-150 के एससी-02 क्षेत्र के तहत आते हैं, जिसमें कुल 21 भूखंडों में से 17 भूखंड इन बिल्डरों के पास हैं।
बिल्डरों पर कितनी है देनदारी?
जिन बिल्डरों को नोटिस भेजा गया है उनमें से कुछ पर भारी-भरकम बकाया है:
प्राधिकरण के मुताबिक, आगामी एक महीने में सभी सबलीज बिल्डरों को भी नोटिस भेजा जाएगा, जिससे बकाया राशि की वसूली हो सके।
क्या है स्पोर्ट्स सिटी घोटाला?
सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला करीब 9000 करोड़ रुपये का है। रिपोर्ट में कहा गया है कि:
स्पोर्ट्स सिटी परियोजना की शुरुआत और बदलाव
नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाला एक ऐसा मामला बन चुका है जिसमें सरकारी अधिकारियों, बिल्डरों और निवेशकों के बीच मिलीभगत से हजारों करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ। अब सीबीआई और ईडी की जांच से इस मामले में गहराई से छानबीन की जा रही है, वहीं नोएडा प्राधिकरण ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।