देश में इस वक्त जबरदस्त बारिश हो रही है। हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी समेत कई राज्यों में बाढ़ का दंश देखने को मिल रहा है। यूपी के भी कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। योगी सरकार बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव कोशिश रही है। यूपी में गंगा और यमुना विकराल रूप में हैं। देश के कई राज्यों में बाढ़ के कहर से बचने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 7532 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
केंद्र सरकार के जारी भारी भरकम फंड से उत्तर प्रदेश को 812 करोड़ रुपए मिले हैं। उत्तराखंड को 413.20 करोड़ रुपए मिले हैं। बिहार को 624 करोड़ रुपए मिले हैं। पंजाब को 218.40 करोड़ रुपए मिले हैं। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए केंद्र की संवेदनशील सरकार ने स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड जारी किया है। वैसे तो राज्य सरकार अपने स्तर पर बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। अब केंद्र सरकार की मदद से राज्य सरकारों को बड़ी राहत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखें तो नोएडा और आगरा में यमुना किनारे बसे गांव डूब गए हैं। जबकि गाजियाबाद, अलीगढ़, मथुरा, फिरोजबाद और इटावा में बाढ़ की स्थिति नहीं है। वहीं, बात करें सहारनपुर की तो यहां पहले से ही लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, और लगभग दो हजार लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में भेजा जा चुका है। जबकि शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा के स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हथिनी कुंड बैराज से लगभग 1.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
सूबे में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बदायूं जिले के कछला ब्रिज पर गंगा और मुजफ्फरनगर जिले यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सहारनपुर जिले के 92 गांव और 16 शहरी इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां के 512 लोगों को नौ राहत शिविरों में रखा गया है। जबकि मुजफ्फरनगर के दो गांवों के 200 लोगों को शरणालय में रखा गया है।