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Milkipur Election: अयोध्या में चंद्रशेखर आजाद की चुनावी जनसभा, सूरज चौधरी के लिए मांगेंगे समर्थन

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद आज इनायतनगर के पांच नंबर मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली के दौरान वह पार्टी प्रत्याशी सूरज चौधरी उर्फ संतोष कुमार के समर्थन में मतदाताओं से वोट मांगेंगे।

यह चंद्रशेखर आजाद की दूसरी जनसभा होगी। इससे पहले, उन्होंने छह महीने पहले इसी स्थान पर एक रैली को संबोधित किया था। इस बार की जनसभा को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है।

75 हजार पासी और 50 हजार दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश

चंद्रशेखर आजाद इस रैली के जरिए 75,000 पासी और 50,000 दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास करेंगे। जनसभा में पूर्व डीआईजी अरविंद सेन भी मौजूद रहेंगे।

इस कार्यक्रम के दौरान, मिल्कीपुर की कई राजनीतिक हस्तियों के आजाद समाज पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। आयोजकों के अनुसार, इस रैली में करीब 30,000 लोगों के शामिल होने का अनुमान है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता भी होंगे मौजूद

रैली में आजाद समाज पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जिनमें –

ये सभी नेता पहले ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुके हैं।

मिल्कीपुर उपचुनाव में तीन प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में तीन प्रमुख उम्मीदवारों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है:

1. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से संतोष कुमार उर्फ सूरज चौधरी

2. समाजवादी पार्टी (सपा) से अजीत प्रसाद

3. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से चंद्रभानु पासवान

सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को दिया टिकट

समाजवादी पार्टी ने इस सीट से फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। क्षेत्र में पासी समुदाय के बीच अवधेश प्रसाद की मजबूत पकड़ मानी जाती है।

मिल्कीपुर में –

सपा ने यादव, दलित और मुस्लिम (पीडीए) समीकरण को ध्यान में रखते हुए अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है

अजीत प्रसाद 2010 से सपा से जुड़े हुए हैं और पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने अपने पिता के लोकसभा चुनाव प्रचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, यह पहली बार है जब वह खुद चुनाव लड़ रहे हैं।

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। चंद्रशेखर आजाद की जनसभा इस चुनावी माहौल में एक बड़ा प्रभाव डाल सकती है। उनके द्वारा पासी और दलित वोटरों को साधने की रणनीति महत्वपूर्ण होगी।

वहीं, सपा और भाजपा भी अपने-अपने जातिगत समीकरणों के जरिए जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में लगी हुई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है।

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