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Up News: योगी के कार्ययोजना में बदलाव, सरकार और संगठन को एक ही टेबल पर लाकर काम बांटा

यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइलन माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा ने पूरा जोर कुछ महीनों में होने वाले उपचुनाव पर लगा दिया है। इसी को ध्यान में रखकर सीएम योगी ने भी अपने तरीके से काम करना शुरू कर दिया है, सरकार और संगठन के बीच चल रहे खींचतान को बीच दो को ही एक टेबल पर लाकर काम सौंप दिया है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Up News: योगी के कार्ययोजना में बदलाव, सरकार और संगठन को एक ही टेबल पर लाकर काम बांटा

यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइलन माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा ने पूरा जोर कुछ महीनों में होने वाले उपचुनाव पर लगा दिया है। इसी को ध्यान में रखकर सीएम योगी ने भी अपने तरीके से काम करना शुरू कर दिया है, सरकार और संगठन के बीच चल रहे खींचतान को बीच दो को ही एक टेबल पर लाकर काम सौंप दिया है।

आम चुनाव 2024 में, यूपी में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण सरकार ने मंत्रियों और सहयोगियों के नेताओं से उनके कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। ऐसे में योगी इस बार ग्राउंड लेवल पर उतरकर जीत की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

सीएम योगी क्या-क्या कर रहे हैं…

1. सीएम योगी संगठन को सरकार के करीब लाने में लगे हुए हैं क्योंकि इनके विवाद से पार्टी को नुकसान हो रहा है जो प्रत्यक्ष रूप से आम चुनाव में नजर आ चुका है। जिसके कारण पार्टी के नेता, सहयोगी दल भी सीएम पर निशाना साधने में पीछे नहीं हट रहे थे। ऐसे मामलो ने योगी को कटघरे में खड़ा कर दिया था। पर योगी हार नहीं माने और स्वयं हार की समीक्षा की और उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए। इसी के साथ वे अलग-अलग जिलों में बैठक कर नेताओं में उत्साह भर रहे हैं। ताकि एक साथ मिलकर सरकार और संगठन उपचुनाव में विजय प्राप्त कर सके।

2. पन्ना प्रमुख पर भी सीएम योगी की निगाहें बनी हुई है। उन्होंने अपनी बातों में यह स्पष्ट कहा है कि चुनाव की कामयाबी के लिए पन्ना प्रमुख की भूमिका अहम है। ये मतदाताओं को बूथ पर ले जाने का काम करते हैं ऐसे में इनकी तैनाती जल्द से जल्द होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करें। वहीं कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों से भी लगातार संपर्क स्थापित करते रहने के लिए प्रेरित करें।

3. सीएम योगी होने वाले उपचुनाव को लेकर मंत्रियों के लेवल पर भी समीक्षा बैठक कर रहे हैं। 10 विधानसभा सीटों पर 30 मंत्रियों की टीम को उतारा गया है। ये मंत्री ग्राउंड लेवल पर उतरकर लोगों से बातचीत कर रहे हैं। वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी से भी योगी मुलाकात कर रहे हैं। जमीनी हकीकत का पता लगा रहे हैं। उसके आधार पर इन 10 विधानसभा सीटों पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी सीएम ने अपने साथ ही दोनों डिप्टी सीएम और प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है।

4. 5 अगस्त को योगी ने सरकार और संगठन के साथ बैठक की। जहां उन्होंने अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट की जिम्मेदारी अपने पास रखी। दोनों डिप्टी सीएम को भी दो-दो सीट का जिम्मा सौंपा है। केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर और मंजुबा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ब्रजेश पाठक को कानपुर की सीसामऊ और मैनपुरी की करहल सीट की जिम्मेदारी दी गई है।

5. मुख्यमंत्री योगी ने चार सीट की जिम्मेदारी संगठन को भी दी है। दो सीटों की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को मिली है। दो का जिम्मा संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह संभाल रहे हैं। भूपेंद्र चौधरी को मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की जिम्मेदारी मिली है। धर्मपाल सिंह को अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद की सदर सीट की जिम्मेदारी दी गई है।

यादव-मुस्लिम VS अन्य पर योगी का फोकस

उपचुनाव में मुख्यमंत्री का सबसे ज्यादा फोकस अति पिछड़े और दलित समुदाय से आने वाले लोगों पर है। बता दें कि, बीते आम चुनाव में इन जातियों का भाजपा से हटकर इंडी अलायंस की तरफ जाना भी हार का एक बड़ा कारण रहा। ऐसे में मुख्यमंत्री लगातार पिछड़ों और दलितों से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से लेते नजर आ रहे हैं।

इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि पिछड़ों में यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी के कोर वोटर हैं जो इस उपचुनाव में भी खिसकने वाले नहीं हैं। ऐसे में भाजपा के साथ ही सीएम योगी का फोकस भी अति पिछड़ी जातियों और दलितों पर है।

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