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Kanpur Dehat: दलालों की भेंट चढ़ा चौरा का कौशल विकास केंद्र, योजना के नाम पर लाखों की ठगी

उत्तर प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के तहत तरह-तरह की सरकारी योजनाएं चला रही हैं। जिसमें सरकार की कौशल विकास के नाम से महत्वाकांक्षी योजना है, जो शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाई जा रही है। लेकिन कानपुर देहात में ये योजना दलालों के भेट चढ़ चुकी है। पूरा मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के चौरा का है। जहां हीरालाल इंटर कॉलेज में चल रहा कौशल विकास केंद्र बिचौलियों की भेंट चढ़ चुका है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Kanpur Dehat: दलालों की भेंट चढ़ा चौरा का कौशल विकास केंद्र, योजना के नाम पर लाखों की ठगी

उत्तर प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के तहत तरह-तरह की सरकारी योजनाएं चला रही हैं। जिसमें सरकार की कौशल विकास के नाम से महत्वाकांक्षी योजना है, जो शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाई जा रही है। लेकिन कानपुर देहात में ये योजना दलालों के भेट चढ़ चुकी है। पूरा मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के चौरा का है। जहां हीरालाल इंटर कॉलेज में चल रहा कौशल विकास केंद्र बिचौलियों की भेंट चढ़ चुका है।

बता दें कि फतेहपुर जिले के मूसानगर निवासी गुलजार नाम का युवक गांव में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में संविदा कर्मी के रूप में कार्यरत है। वहीं इस घटना का मास्टरमाइंड उसका साथी एहतेशाम वर्तमान में बदायूं जिले में कौशल विकास विभाग में तैनात है। तीसरा युवक गल्ला मंडी नौबस्ता निवासी अमित बाजपेई खुशी विकास समिति का डायरेक्टर है।

पीड़ितों का आरोप है कि कौशल विकास केंद्र चौरा का पूरा पैसा इन तीनों लोगों ने षड्यंत्र कर खुशी विकास समिति में ट्रांसफर कर लिया, इस तरीके से हमारे साथ फ्रॉड किया गया है। पीड़ितों को पैसा ना मिलने की वजह से केंद्र के रूम का किराया भी अभी बाकी है।

कौशल विकास केंद्र चौरा अब कबाड़ के रूप में तब्दील हो गया है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि 2019 में दो दलालों ने कौशल विकास योजना के नाम से लालच देकर कौशल विकास केंद्र खुलवाया। जिसमें पीड़ितों का कई लाख रुपए खर्च हो गए। यहां पर 108 बच्चों को प्रशिक्षण भी दिया गया, लेकिन पीड़ितों को कुछ भी नहीं दिया गया। जबकि बिचौलियों ने उनका बकाया पैसा आठ लाख बयालिस हजार रूपए पास करा लिए और पूरा पैसा हड़प लिया।

जिससे पीड़ित परिवार भुखमरी के कगार पर हैं। जबकि केंद्र पर रखे कंप्यूटर धूल फांक रहे हैं। पूरे प्रकरण को लेकर जब पीड़ितों ने जिलाधिकारी कानपुर देहात आलोक सिंह से शिकायत की, तो जिलाधिकारी ने विभाग से फाइल मंगवाकर जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।

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