लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर शहर से गांव तक उत्साह का माहौल बना हुआ है। बाजार में भी छठ पर्व को लेकर चहल-पहल देखने को मिल रही है। कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, पहिले पहिले हम कइलों छठ मइया बरत तोहार, करिह क्षमा छठि मइया भूल चुक गलती हमार जैसे पारंपरिक गीत गुनगुनाते हुए महिलाएं छठ मइया का प्रसाद तैयार करने में जुट गई हैं।
लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर उत्साह का माहौल है। आज से नहाय खाय के साथ छठ पूजा का महापर्व शुरू हो जाएगा, इसकी तैयारियों को लेकर जनपद के विभिन्न नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों ने छठ घाटों का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। चार दिन चलने वाले इस पर्व में सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस दिन रखा जाने वाला व्रत बहुत कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है।
यह व्रत संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है। पर्व को लेकर शहर से गांव तक चहल पहल बढ़ गई है। घरों में प्रसाद की सामग्री को धुल कर सुखाने व साफ करने का कार्य अंतिम चरण में है। नहाय खाय के साथ व्रत शुरू होने वाले दिन बिना मसाले के कडू की सब्जी का सेवन किया जाएगा। पहले दिन महिलाएं सिर धुलकर स्नान करेंगी और नाखून काट कर शरीर को पूरी तरह स्वच्छ बनाएंगी। भोजन भी इतना कम रहेगा कि शरीर पूरी तरह से स्वच्छ रहे।
छठ पूजा के दूसरे दिन बुधवार को खरना होगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखेंगी। शाम को सूखी रोटी व गुड़ की खोर व केला अर्पित कर छठ मइया की पूजा प्रारंभ होगी। तीन दिन तक व्रती महिलाएं कठिन साधना करेंगी।
बिस्तर त्याग कर चटाई पर सोएंगी। व्रती महिलाएं उसी कमरे में सोएंगी जहां अध्यं के पकवान बनाए जाते हैं। तीसरे दिन महिलाएं सायंकालीन अर्घ्य देंगी। चौथे दिन व्रती महिलाएं व पुरुष भोर में उसी जगह एकत्र होंगे, जहां अस्त होते सूर्य के लिए पूजन किया था। इस दिन महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देने से पहले गंगा जल का आचमन करेंगी।
छठ पूजा को खुशनुमा बनाने के लिए बाजार सज गए हैं, और श्रद्धालु पूजा के लिए जरूरी सामग्री खरीदने में जुट गए हैं। हर तरफ हर्षोल्लास के बीच छठ पूजा की तैयारी धूमधाम से चल रही है। प्रशासन भी पर्व के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में जुटा हुआ है।