धर्म एवं आध्यात्म की नगरी काशी में सात वार में नौ त्योहार मनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है ‘छठ पूजा’। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में अन्य त्योहारों की भांति छठ पूजा का भी विशेष महत्व है, हालांकि यह पर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का मुख्य त्योहार माना जाता है।
वाराणसी में भी छठ का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ होता है। गंगा के घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़, भक्तों का उत्साह, और भक्ति का वातावरण इस पर्व को अनोखा बना देता है।
वाराणसी में छठ पर्व का अपना एक अलग ही इतिहास और सांस्कृतिक महत्व है, जो समय के साथ प्राचीन परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ता गया है। वहीं पूजा के दौरान NDRF के कर्मचारी समय-समय पर श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुरक्षा निर्देश भी दे रहे हैं।
एनडीआरएफ के कर्मचारी अधिक गहरे पानी वाली जगहों को चयनित कर श्रद्धालुओं को वहा ना जाने की सलाह दे रहे हैं। एनडीआरएफ के कर्मचारी घाटों पर मोटर बोट व प्रशिक्षित गोताखोरों की सहायता से नदी में अपनी पैनी नज़र बनाए हुए हैं ताकि पर्व के रंग में कोई भंग न पड़ जाए। छठ पूजा के दौरान पिछले वर्ष की भांति इस बार भी एनडीआरएफ की टीमें वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी हैं।