नोएडा अथॉरिटी में 15 वर्षो से तैनात डीजीएम सिविल विजय रावल के खिलाफ कई पत्र सर्तकता जांच एवं स्थानांतरण के लिये मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को दिये गये है जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा कार्रवाई करने हेतु मुख्य सचिव को पत्र भेजे गये है विजय रावल डीजीएम सिविल नोएडा अथॉरिटी के कार्यो को लेकर कई सालों से गंभीर शिकायतें आ रही थी विजय रावल लगभग 15 वर्षो से नोएडा अथॉरिटी में पहले मैनेजर फिर सीनियर मैनेजर और अब डीजीएम सिविल के पद पर तैनात है लगातार एक ही स्थान (नोएडा अथॉरिटी) पर तैनात होने के कारण संगठित रूप से भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूब गये है डीजीएम सिविल होने के कारण अथॉरिटी में सिविल कार्यो के सभी टेंडर इनके द्वारा सिविल कार्य करने वाली कुछ कंपनियों जो इनके रिश्तेदारों एवं शुभचिंतकांे की कंपनियां है उन्ही को टेंडर दिये जाते है टेंडर देने के पहले इनके द्वारा टेंडर की जानकारी उपरोक्त कंपनियों की दी जाती है
डीजीएम विजय रावल का बड़ा गठजोड़ नोएडा के भ्रष्ट बिल्डर एवं भू माफियाओं से है इनके द्वारा भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति भी कमाई गई है अथॉरिटी से कई बार अन्य अथॉरिटियों में इनका स्थानातरंण भी हुआ लेकिन इन्होने कार्यभार ग्रहण नही किया शासन में इनकी गहरी पैठ है शासन द्वारा इनको पूरी तरह से संरक्षण दिया जा रहा है वर्तमान समय में अन्य अथॉरिटी में स्थानातंरण की पत्रावली विभागीय मंत्री को भेजी गई थी उनके द्वारा संरक्षण देते हुये पत्रावली को कई बार अनुभाग में वापस कर दिया गया यानि की विजय रावल को नोएडा अथॉरिटी में बनाये रखने की मंशा साफ है अब जबकि मुख्यमंत्री के यहां शिकायत होने पर उनके द्वारा संज्ञान लिया गया है और कार्रवाई के आदेश मुख्य सचिव को दिये गये है
अब देखना यह होगा मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुरूप क्या कार्रवाई होती है।
यूपी की बात की रिपोर्ट