लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभाग को कार्यों की समयबद्धता, गुणवत्ता और कर्मचारियों की ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। साथ ही उन्होंने अगले वर्ष बाढ़ से बचाव की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए।
कार्यों की गुणवत्ता पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी परियोजनाओं को समय से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी लाभ मिलने में देर होती है। इसलिए कार्यों की समयबद्धता प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर भी जोर देते हुए कहा कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कर्मचारियों को प्रशिक्षण अनिवार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नई तकनीकों का उपयोग कर कार्यों की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार किया जा सकता है। ट्रेनिंग के माध्यम से कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया जाना चाहिए, ताकि बाढ़ नियंत्रण और जल प्रबंधन के कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सके।
बाढ़ सुरक्षा के लिए अभी से बने कार्य योजना-योगी
मुख्यमंत्री ने आने वाले वर्ष में संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए पहले से तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए अगले वर्ष की कार्य योजना जन प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के साथ मिलकर तैयार की जाए। योजना के तहत बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान कर, वहां तटबंधों की मरम्मत, जल निकासी व्यवस्था और अन्य आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरी की जानी चाहिए। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया और मुख्यमंत्री को विभाग के चल रहे कार्यों की प्रगति से अवगत कराया।