गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर्व की परंपरा के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने आज ब्रह्म मुहूर्त में खिचड़ी चढ़ाई और विधिवत पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और अपनी श्रद्धा के प्रतीक स्वरूप खिचड़ी चढ़ाई। नेपाल, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त इस पर्व में शामिल हुए।
परंपरा और आस्था का संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व सूर्य उपासना और दान-पुण्य का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति पर प्रातः स्नान-ध्यान के पश्चात खिचड़ी चढ़ाने और दान करने की परंपरा युगों से चली आ रही है। उन्होंने कहा, “यह पर्व भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।”
प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस सदी का पहला महाकुंभ प्रयागराज में शुरू हो चुका है। अब तक लगभग पौने दो करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर चुके हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि अमृत स्नान के साथ आस्था और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की गई है ताकि ठंड से बचा जा सके। इसके अलावा, मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री की विशेष अपील
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि सभी धार्मिक स्थलों पर प्लास्टिक का प्रयोग न करें और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा, “आस्था के साथ-साथ हमें पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।”
मकर संक्रांति: एकता का पर्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि मकर संक्रांति न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है। उन्होंने सभी को इस पर्व को श्रद्धा और उमंग के साथ मनाने की शुभकामनाएं दीं।