उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर वर्ष 2025 के लिए भावी कार्यक्रमों और योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि 2025 का वर्ष कई ऐतिहासिक अवसरों के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रहा है।
जनजातीय गौरव और राष्ट्रीय एकता का वर्ष
वर्ष 2025 भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के रूप में मनाया जाएगा और इसी वर्ष लौहपुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती भी होगी। इसके अलावा, यह वर्ष संविधान अंगीकार करने का अमृत महोत्सव मनाने का होगा। साथ ही, लोकतंत्र पर ‘आपातकाल’ की 50वीं वर्षगांठ पर लोगों को जागरूक करने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
विशेष आयोजनों की योजना
संविधान के अमृत वर्ष की शुरुआत 26 दिसंबर 2024 को होगी। इस मौके पर लखनऊ सहित सभी सरकारी संस्थानों और विद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना के वाचन और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली जाएगी। स्कूल और कॉलेजों में निबंध और डिबेट प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए संसदीय कार्य विभाग नोडल विभाग होगा।
प्रयागराज महाकुंभ: वैश्विक ध्यानाकर्षण
महाकुंभ के दौरान एक विशेष ‘संविधान गैलरी’ स्थापित की जाएगी, जहां संविधान की प्रक्रिया और गठन को ऑडियो-विजुअल माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, भगवान बिरसा मुंडा और प्रदेश की जनजातीय संस्कृति पर केंद्रित गैलरी भी बनाई जाएगी।
अटल जी और सरदार पटेल की जयंती
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष पर विश्वविद्यालयों में अटल शोध पीठ और सुशासन पीठ की स्थापना की जाएगी। सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता के कार्यक्रमों की योजना बनाई जाएगी। गृह विभाग इन आयोजन का नोडल विभाग होगा।
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की जयंती पर राज्यभर में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित निबंध, डिबेट और सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे।
आपातकाल के 50 वर्ष और लोकतंत्र की रक्षा
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर इसके प्रभावों से नई पीढ़ी को अवगत कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मेलन का भी आयोजन होगा, जिसके लिए सूचना विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने वर्ष 2025 को अंत्योदय से सर्वोदय और राष्ट्रीय एकता को समर्पित करते हुए सुशासन की परिकल्पना को साकार बनाने का आह्वान किया।