22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का बाद विराजमान होंगे। उनके प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बीते 16 जनवरी से शुरू हो गया है और आज इस कार्यक्रम का 5वां दिन है और आज 81 कलशों के जल से मंदिर के गर्भगृह को पवित्र किया जाएगा। वहीं कल पहली बार रामलला का पूरा चेहरा दिखा।
बता दें कि शुक्रवार शाम सात बजे से अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन बंद हो चुके हैं। वहां के पुजारी संतोष 1992 से रामलला के पुजारी हैं। बाबरी विध्वंस के समय भी रामलला की रक्षा में मौजूद थे। अब भक्त 23 जनवरी से रामलला के दर्शन नए मंदिर में कर पाते हैं।
आज रामलला 20 जनवरी को वास्तु शांति के बाद सिंहासन पर विराजमान होंगे। इससे पहले सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास और शाम को पुष्पाधिवास में विराजित होंगे। वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पहले नई प्रतिमा में भगवान राम की आंखों से कपड़ा नहीं हटा सकते थे। यदि प्रतिमा में आंखों पर कपड़ा नहीं दिख रहा है तो यह गलत बात है जिसकी जांच होनी चाहिए।
प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम की नई प्रतिमा
रामलला की अयोध्या से जिस प्रतिमा की फोटो शुक्रवार शाम 19 जनवरी को सामने आई है उस समय वास्तव में मूर्ति वर्कशॉप में रखी हुई थी। इस मूर्ति का प्रयोजन इतना ही था कि गर्भगृह में रखे जाने के बाद यह मूर्ति कैसी दिखेगी।
कश्मीर से मुसलमानों ने भेजा 2 किलो केसर
विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि, उनके पास कश्मीर के कुछ मुसलमान भाई आए हुए थे जिन्होंने राम मंदिर के बनने की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारा मज़हब अलग है लेकिन हमारे पुरखे एक ही हैं। जिनमें से राम हमारे सबसे आदरणीय पूर्वज हैं। ऐसे में उन्होंने आलोक कुमार को 2 किलो केसर राम लला की सेवा के लिए भेंट किये हैं। जिसको वे इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान डॉ अनिल मिश्रा को भेंट करने जा रहे हैं।
आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि जो हुआ गलत हुआ
मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि जब निर्णय हो जाता है कि इस मूर्ति को स्थापित किया जाना है तो उसके नेत्र ढक दिए जाते हैं। इसके बाद आंक खोलने का काम वहीं (गर्भगृह) में ही होता है। अभी तस्वीरों में जिस मूर्ति की आंख खुली दिखाई गई है, वो मूर्ति है ही नहीं। अगर किसी ने आंख से कपड़ा हटा दिया है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रतिमा का सबकुछ (स्नान, शृंगार, भोग) हो सकता है, लेकिन आंखों से कपड़े को नहीं हटाया जा सकता है। अभी भी (प्राण प्रतिष्ठा के पहले तक) जो भी कर्मकांड चल रहे हैं, उसमें भी प्रतिमा की आंखें ढंकी ही रहेंगी। प्रतिमा में आंखों को छोड़कर शरीर से कपड़े को हटाया जा सकता है, क्योंकि पहले कई ऐसे अनुष्ठान (जैसे जलाधिवास, केसराधिवास) होते हैं।
पाकिस्तान के हिंगलाज शक्तिपीठ से आया है अयोध्या के लिए जल
पाकिस्तान के शक्तिपीठ से आज को जल अयोध्या पहुँचने वाला है। हिंगलाज माता मन्दिर के बारे में बात करें तो, यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक हिंदू मन्दिर है। यह हिंदू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है।
यहां इस देवी को हिंगलाज देवी या हिंगुला देवी भी कहते हैं। इस मंदिर को नानी मंदिर के नामों से भी जाना जाता। पिछले तीन दशकों में इस जगह ने काफी लोकप्रियता पाई है और यह पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का केंद्र बन गया है।
READ MORE
- राम के अवतार की 4 कहानियां: जिसके कारण लेना पड़ा उन्हें मनुष्य रूप में अवतार
- प्रयागराज से अयोध्या धाम के लिए वोल्बो सेवा प्रारंभ, प्रयागराज से प्रातः साढ़े सात बजे चलेगी यह बस जो सुबह के 11:35 पर अयोध्या पहुंचेगी
- भू-माफियाओं की खैर नहीं, योगी सरकार सख्त
- चौरसिया परिवार खिला रहा रामलला को 102 वर्षों से पान की बीड़ा, 1992 में कर्फ्यू के दौरान भी रामलला को खिलाया पान
- लालकृष्ण आडवाणी जाएंगे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में; पहले शामिल न होने की थी खबर
- RAM AARAHE HAIN: अयोध्या धाम के विघटन से लेकर अयोध्या धाम बनने तक का सफर
- 20 प्वाइंट में समझें कैसे होगा भविष्य में श्री राम मंदिर
- अयोध्या मंदिर: गर्भगृह में विराजे रामलला, कुंडों में अग्नि प्रकट किया जाएगा
- Ram Mandir: केवल अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा संसार राम-वापसी पर आँख गड़ाये बैठा है
- RAM AARAHE HAIN: जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य की 75वीं वर्षगांठ आज, विरोधी वकील के तंज पर दे दिए थे श्री राम जन्मभूमि से जुड़े 441 साक्ष्य
- अयोध्या एयरपोर्ट को मिला इंटरनेशनल कोड
- राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए अयोध्या रूट 23 जनवरी तक नो पार्किंग जोन
- श्रीराम के ये 5 मंदिर जिनका इतिहास है हजारों साल से भी पुराना