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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राज्य में होने वाले सरकारी आयोजनों और विज्ञापनों की रुपरेखा का आदेश पारित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बीते 14 सितंबर को राज्य में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों, विज्ञापनों और उसमें आमंत्रित होने वाले जनप्रतिनिधियों से संबंधित दिशा-निर्देश पारित किया है। बता दें कि सितंबर महीने में प्रदेश मुख्यालयों और जिला स्तर पर होने वाले आयोजनों में जनप्रतिनिधियों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों की भागीदारी को लेकर यह बैठक हुई थी। जहाँ भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा और अन्य संबंधित पहलुओं पर बातचीत हुई थी।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राज्य में होने वाले सरकारी आयोजनों और विज्ञापनों की रुपरेखा का आदेश पारित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बीते 14 सितंबर को राज्य में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों, विज्ञापनों और उसमें आमंत्रित होने वाले जनप्रतिनिधियों से संबंधित दिशा-निर्देश पारित किया है।

 

बता दें कि सितंबर महीने में प्रदेश मुख्यालयों और जिला स्तर पर होने वाले आयोजनों में जनप्रतिनिधियों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों की भागीदारी को लेकर यह बैठक हुई थी। जहाँ भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा और अन्य संबंधित पहलुओं पर बातचीत हुई थी।
ऐसे में बैठक में हुई बातचीत और उससे संबंधित मामलों को ध्यान रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं। जो कि उस प्रकार हैं।

 

प्रत्येक विधायक का एक निश्चित विधानसभा क्षेत्र है परंतु वहीं विधान परिषद के सदस्यों का संबंध एक या उससे अधिक जिलों से संबंधित होता है। ऐसे में सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत काम करवा सकते हैं। लेकिन अनके नाम के आगे जुड़े जनपद से ही उसके क्रियाकलाप निर्धारित होते हैं।

 

वहीं अगर जनपद की बैठक या कार्यक्रम हो रहा है तो उसमें विधान परिषद के सदस्य ही आमंत्रित किए जाएंगे। वहीं विधान परिषद के सदस्य ने यदि किसी अन्य जिले में अपने क्षेत्र विकास निधि से कार्य कराया जाता है और वह कार्य मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में निर्धारित है तो इस स्थिति में जिले के कार्यक्रमों में उस क्षेत्र से संबंधित विधान परिषद के सदस्य को भी बुलाया जाएगा।

 

प्रदेश मुख्यालयों और जिला स्तर पर होने वाली बैठकों में, उदाहरण के लिए ‘दिशा’ आदि जैसे कार्यक्रमों की समीक्षा बैठकों में उस आयोजन की अध्यक्षता कर रहे सांसद के दाहिनी तरफ संबंधित जिले के विधायक और विधान परिषद के सदस्य बैठेंगे। वहीं ‘दिशा’ की बैठक में सांसद के हेल्प के लिए जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी उनके बायीं तरफ सीट लेंगे।

 

मुख्यमंत्री जिन कार्यक्रमों में आने वाले हैं, उन कार्यक्रमों में मंच की पहली पंक्ति पर सांसद, विधानमंडल के सदस्य और अन्य उपस्थित जनप्रतिनिधि दूसरे या तीसरे पंक्ति में बैठेंगे। वहीं कार्यक्रम संचालक और मुख्य सचिव अग्रिम पंक्ति में अधिकारियों के आगे बैठेंगे।
मुख्यमंत्री का प्रदेश या जिले से संबंधित कार्यक्रमों में आने पर संबंधित जिले के सांसद, विधायक और विधान परिषद के सदस्य के नाम ही शिलापट्ट या विज्ञापनों के लिए दिए जा सकते हैं।

 

वहीं विधान परिषद के वे सदस्य जिन्होंने अपने संबंधित जिले के अलावा अपने क्षेत्र विकास निधि से, अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी अन्य जिले में विकास कार्य कराता है, तो इन मामलों में मुख्यमंत्री के भाग लेने की अवस्था में, यदि वे कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं तो उस कार्यक्रम में उनके बैठने तथा उनके नाम शिलापट्ट पर और विज्ञापनों में दिया जाएगा।

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