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Up News: उत्तर प्रदेश में सर्किल रेट पुनरीक्षण, किसानों को मिलेगा सही मूल्य

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को विकसित बनाने के संकल्प के तहत जमीनों के सर्किल रेट पुनरीक्षण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। लखनऊ समेत कई जिलों में जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Up News: उत्तर प्रदेश में सर्किल रेट पुनरीक्षण, किसानों को मिलेगा सही मूल्य

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को विकसित बनाने के संकल्प के तहत जमीनों के सर्किल रेट पुनरीक्षण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। लखनऊ समेत कई जिलों में जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। जिन जनपदों में वर्षों से सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ है, वहां प्राथमिकता के आधार पर इस कार्य को सुनिश्चित किया जा रहा है। 1 जनवरी 2024 से अब तक 37 जिलों में पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि अन्य जिलों में कार्य प्रगति पर है।

किसानों को होगा बड़ा फायदा

सर्किल रेट का पुनरीक्षण किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों को उनकी जमीन का सही मूल्य मिल सकेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम भूमि स्वामियों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ राज्य में बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों को भी बढ़ावा देगा। पुनरीक्षित सर्किल रेट से सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी, जिससे विकास परियोजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।

सर्किल रेट निर्धारण की प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश स्टाम्प (संपत्ति का मूल्यांकन) द्वितीय संशोधन नियमावली – 2013 के नियम 4(1) के अनुसार, जिलाधिकारी हर वर्ष अगस्त माह में कृषि और अकृषक भूमि का न्यूनतम मूल्य प्रति हेक्टेयर/प्रति वर्गमीटर निर्धारित करता है। आवश्यकता पड़ने पर जिलाधिकारी वर्ष के मध्य में भी सर्किल रेट सूची का पुनरीक्षण कर सकता है।

कई जिलों में प्रक्रिया जारी

हाल ही में मुख्य सचिव के समक्ष हुई समीक्षा बैठक में सर्किल रेट पुनरीक्षण को लेकर चर्चा की गई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि जिन जिलों में यह प्रक्रिया वर्षों से लंबित है, वहां इसे तेजी से पूरा किया जाएगा। जिन जिलों में पुनरीक्षण किया जाना है उनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बागपत, इटावा, कन्नौज, हापुड़, मेरठ, प्रयागराज, अयोध्या, बदायूं, झांसी, जालौन, ललितपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, महाराजगंज, कुशीनगर, संत कबीरनगर और कौशाम्बी प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इसके अलावा, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, अलीगढ़, मीरजापुर, सहारनपुर, बांदा, हमीरपुर, अमेठी, सुल्तानपुर और शामली समेत अन्य जिलों में पुनरीक्षण प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जल्द से जल्द सभी जिलों में यह कार्य पूरा किया जाए, ताकि किसानों और अन्य भूमि स्वामियों को उनके संपत्ति मूल्य का उचित लाभ मिल सके।

योगी सरकार का विकास की ओर बड़ा कदम

योगी सरकार का यह निर्णय न केवल किसानों के हित में है, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति को भी बढ़ावा देगा। सर्किल रेट पुनरीक्षण से भूमि अधिग्रहण की पारदर्शिता बढ़ेगी, सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी और लोगों को अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्य मिल सकेगा। सरकार के इस प्रयास से राज्य में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।

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