नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का संचालन मई या जून 2025 तक शुरू होने की संभावना है। संचालन से पूर्व ही सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों की तैनाती तय की गई है। इसी के तहत ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने अपने लगभग 200 फ्लैट अस्थायी रूप से किराए पर CISF को देने का निर्णय लिया है। यह फ्लैट उन जवानों के लिए होंगे, जिन्हें एयरपोर्ट पर तैनात किया जाएगा और जिन्हें अभी स्थायी आवास नहीं मिल सका है।
447 जवानों को उनके परिवारों के साथ चाहिए तत्काल आवास
एयरपोर्ट के पहले चरण में कुल 1,047 CISF कर्मियों की नियुक्ति प्रस्तावित है। इनमें से 447 जवान अपने परिवारों के साथ आएंगे, जिन्हें रहने के लिए तुरंत आवास की आवश्यकता होगी। शेष जवानों के लिए यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) की ओर से एयरपोर्ट परिसर में क्वार्टर बनवाए जाएंगे। लेकिन जब तक YIAPL के स्थायी क्वार्टर पूरी तरह तैयार नहीं होते, GNIDA ने सेक्टर ओमीक्रॉन-1ए में स्थित फ्लैट CISF को देने का फैसला किया है।
MIG और LIG फ्लैट होंगे अस्थायी ठिकाना
GNIDA ने बहुमंजिला आवासीय योजनाओं के तहत 200 फ्लैटों की पहचान की है, जिनमें LIG (लोअर इनकम ग्रुप) और MIG (मिडिल इनकम ग्रुप) के फ्लैट शामिल हैं। एलआईजी फ्लैटों का क्षेत्रफल 58.18 वर्गमीटर और एमआईजी फ्लैटों का आकार 83.38 वर्गमीटर है। उपलब्धता के अनुसार 119 एलआईजी और 74 एमआईजी फ्लैट फिलहाल खाली हैं, जिन्हें CISF को किराए पर दिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने CISF को प्राथमिकता देने का दिया निर्देश
GNIDA की हालिया बोर्ड बैठक में यह मुद्दा सामने रखा गया था, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों को खाली फ्लैट आवंटित करने का प्रस्ताव शामिल था। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और GNIDA के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि एयरपोर्ट संचालन से पहले CISF को फ्लैटों में प्राथमिकता दी जाए, जिससे सुरक्षा कर्मियों के ठहरने की व्यवस्था समय पर की जा सके।
YEIDA बनाएगा CISF के लिए स्थायी फ्लैट, मुफ्त जमीन नहीं मिलेगी
जहां GNIDA ने अस्थायी समाधान निकाला है, वहीं यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने CISF के लिए स्थायी आवास बनाने की योजना पर काम शुरू किया है। इसके लिए YEIDA सेक्टर 22A में करीब 13.5 एकड़ जमीन पर आवास निर्माण करेगा। हालांकि, CISF की ओर से जमीन मुफ्त में देने का अनुरोध किया गया था, जिसे YEIDA ने अस्वीकार कर दिया है। इसके बजाय प्राधिकरण खुद जमीन का मालिकाना हक रखेगा और निजी डेवलपर के माध्यम से निर्माण कराने के लिए RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) प्रक्रिया शुरू करेगा।