प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा) के अधिकारों में कटौती की गई है। जिस तरह से लगातार प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग बदहाली की स्थिति में है यह मुख्यमंत्री जी की चिंता का विषय है। लगातार जिस तरह से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल स्थिति में है प्रदेश के जिला अस्पतालों एवं सीएचसी पीएचसी एवं मेडिकल कॉलेजों में दवाएं नहीं हैं यह किसी से छिपा नही है। विपक्ष लगातार इस बात की आलोचना कर रहा है और जिस तरह से डिप्टी सीएम ( चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ) ब्रजेश पाठक पर मुख्य चिकित्साधिकारियों के मनमाने ढंग से तबादलों को लेकर गंभीर आरोप लगें है।
डिप्टी सीएम पाठक द्वारा अपने विभाग में सीएमओं एवं अस्पतालों में निदेशक पद के तबादलों को लेकर ऐसे फैसले लिये गये जिससे मुख्यमंत्री असहमत एवं असहज थे। यूपी की बात के सूत्रों ने यह बताया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्यसचिव एसपी गोयल द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से मॉनिटरिंग किया जा रहा है एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन को सीएमओं, सीएमएस, निदेशक एवं मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य के तबादलों को लेकर उनके द्वारा सीधे निर्देश दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन द्वारा सभी सीएमओं एवं सीएमएस के तबादलों को स्वयं के द्वारा परीक्षण कर प्रस्ताव माध्यम डिप्टी सीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित कर रहे है प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारियों के तबादलों को लेकर वरिष्ठता क्रमांक के अनुरूप एक जनपद के सापेक्ष में क्रमश: तीन चिकित्सों के नाम भेजे जा रहे है और उन चिकित्सों से स्वयं प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा टेलीफोनिक साक्षात्कार एवं जनपदों के जिलाधिकारियों से वार्ता कर प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेजे जा रहे है।
निश्चित रूप से यह पारदर्शी प्रक्रिया है जो मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर की जा रही है। लेकिन इसमें भी कहीं-कहीं विसंगतियां हो रही है। इसी तरह अन्य चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में ट्रांसफर,पोस्टिंग,तैनाती एवं अन्य फैसले लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा भेजी गई पत्रावलियों में डिप्टी सीएम एवं मुख्यमंत्री कार्यालय में मतभेद है। मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तबादलों में ईमानदार एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए ऐसे उनके निर्देश हैं। और, उसी का पालन कराने हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय कोशिश कर रहा है। कई-कई पत्रावलियों में डिप्टी सीएम के निर्देशों से मुख्यमंत्री कार्यालय से असहमत हो रहा है और डिप्टी सीएम के आदेशों को संशोधित कर रहा है।
सीएम योगी के साफ निर्देश है कि ट्रांसफर,पोस्टिंग एवं तैनाती में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो एवं पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो ।
एडिटर इन चीफ आर सी भट्ट की रिपोर्ट