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UP News : शीतकाल सत्र में सीएम योगी का विपक्ष से सवाल, क्या दोहरे चरित्र वाले अल्लामा इकबाल को आप अपना आदर्श मानते हैं?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को धेरते हुए सवाल किया कि – क्या आप दोहरे चरित्र वाले अल्लामा इकबाल को आप अपना आदर्श मानते हैं ? उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता यहां एक कविता सुना रहे थे।

उनके अंदर सच को स्वीकार करने की सामर्थ्य नहीं है, इसलिए वो यहां से चले गए। एक दोहरे चरित्र के व्यक्ति के द्वारा जो पहले कुछ पंक्तियां लिखता है और बाद में उसका चरित्र कैसे बदल जाता है। अल्लामा इकबाल ही हैं जो कहते थे…

मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहां हमारा
चीन-ओ-अरब हमारा हिन्दोस्तां हमारा
तौहीद की अमानत सीनों में है हमारे
दुनिया के बुत-कदों में पहला वो घर खुदा का
तेगों के साए में हम पल कर जवां हुए हैं
मगरिब की वादियों में गूंजी अजां हमारी
बातिल से दबने वाले ऐ आसमां नहीं हम
ऐ गुलिस्तान-ए-उंदुलुस वो दिन हैं याद तुझको
ऐ मौज-ए-दजला तू भी पहचानती है हम को
ऐ अर्ज-ए-पाक तेरी हुर्मत पे कट मरे हम
सालार-ए-कारवां है मीर-ए-हिजाज अपना
इकबाल का तराना बांग-ए-दरा है गोया
मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहां हमारा

सीएम योगी ने पूछा कि क्या अलामा इकबाल को आप अपना आदर्श मानते हैं। वो खुद को पेशे से शिक्षक कहते हैं। ऐसे शिक्षक छात्रों को पढ़ाएंगे तो दुर्गति ही कराएंगे। इकबाल की एक कविता को यहां पढ़कर के और वास्तविक सच से आप धूल डालकर छुपा नहीं सकते हैं।

This post is written by Abhijeet kumar yadav

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