यूपी के सीएम योगी ने सोमवार देर रात एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी जिलों के डीएम से वर्चुअली जुड़े। योगी ने प्रदेश के बाढ और जलभराव को देखते हुए आम जनता, कृषि फसलों और पशुधन की सुरक्षा और वहां तक सुविधाएं पहुंचाने के प्रयास की समीक्षा भी की।
सीएम योगी के बैठक में सबसे पहले यह बताया गया कि आज की स्थिति के अनुरूप बाढ़ से अब तक कुल 20 जिलों की 69 तहसीलों के 1571 गांव तथा बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र बाढ़ग्रस्त हैं। जिसका सीधा प्रभाव करीब 14.80 लाख लोगों पर पड़ रहा है।
वहीं इनमें से करीब 5.29 लाख लोग ऐसे हैं, जिनकी प्रॉपर्टी (कृषि, मकान, गृहस्थी का सामान एवं पशु) को भारी नुकसान हुआ है। जल भराव के चलते प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है।
बैठक में सीएम योगी ने दिए ये निर्देश…
- सभी जिलाधिकारी, बीएसए, एबीएसए के साथ मिलकर स्थानीय शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें, उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करें। इसी के साथ उन्होंने कहा कि किसी भी रूप में आराजकता स्वीकार नहीं है। फिर उन्होंने कृषि और जलभराव को लेकर अपने विचार रखे।
- 2024 1 जून से अभी तक प्रदेश में सामान्य बारिश 220 मिमी के सापेक्ष 242.50 मिमी हो चुकी है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 22 जुलाई तक पूर्वी यूपी में तेज वर्षा होने की संभावना जताई। मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखी जाए। जिला प्रशासन 24×7 अलर्ट मोड में रहें।
- पिछले कुछ दिनों में बाढ़, आकाशीय बिजली अथवा डूबने के कारण कई स्थानों पर जन-धन को नुकसान हुआ है। पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आपदा से बचाव के लिए अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें।
- बाढ़ में यदि किसी की फसल का नुकसान हुआ हो, नदी में जमीन का कटान हुआ हो और गृहस्थी का सामान बह गया हो, ऐसे सभी मामलों में सहायता धनराशि 24 घंटों में उपलब्ध करा दी जाए। कृषि फसलों का सर्वे करवा लें। सहायता राशि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए।
- बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर नजर रखी जाए। सभी नदियों के जलस्तर और तटबंधों की 24×7 मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें।
- बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध कराई जाए। भोजन एवं खाद्यान्न की क्वालिटी और क्वांटिटी का विशेष ध्यान रखा जाए। इससे कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी अस्पतालों में एन्टी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध होनी चाहिए।
- पर्व-त्योहार में आम जन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दें, लेकिन परंपरा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों।
- धार्मिक आयोजन के नाम पर अराजकता को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों के साथ सख्ती से निपटें। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।