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UP News : सीएम योगी ने कानून-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोक भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिलों में राजस्व वादों के निस्तारण और प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में सभी मण्डलायुक्त, एडीजी, आईजी, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने इस समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से राजस्व वादों, जनसुनवाई और कानून-व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नागरिकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी गरीब न्याय से वंचित न रहे।

सीएम योगी ने कहा, “राजस्व वादों के निस्तारण के लिए मिशन मोड में कार्यवाही की जाए और किसी भी गरीब के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सभी अधिकारियों को निर्धारित समय पर जनता से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान संवेदनशीलता के साथ करना होगा।”

बैठक में मुख्यमंत्री ने सम्पूर्ण समाधान दिवस और थाना दिवस के दौरान प्राप्त शिकायतों और आईजीआरएस तथा सीएम हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों के आधार पर अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा की। असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले विभागों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे गए हैं।

उन्होंने विशेष रूप से पैमाइश, अकृषक भूमि घोषित किए जाने से जुड़ी लंबित शिकायतों पर जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नामान्तरण, पैमाइश, लैंड यूज चेंज और वरासत जैसे मामलों का निस्तारण तय समय सीमा में होना चाहिए। प्रत्येक जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि तहसीलों में लम्बित मामलों का समाधान शीघ्र हो।

कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की भी समीक्षा की और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा, “जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उनसे खर्च की वसूली की जाए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उपद्रवियों के खिलाफ सघन सर्च ऑपरेशन चलाए जाएं और कोई भी उपद्रवी बचे नहीं।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण के मामलों में संवाद और समन्वय की नीति अपनाई जाए। सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर अनधिकृत कब्जे के मामलों में तत्काल कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि आवागमन में कोई बाधा उत्पन्न न हो। सीएम ने कहा कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आस्था और भावनाओं का सम्मान जरूरी

मुख्यमंत्री ने आगामी दिनों में होने वाली धार्मिक और सामाजिक आयोजनों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतरत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि कुछ अराजक तत्व इन अवसरों का फायदा उठाकर माहौल को खराब करने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए सभी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सर्दियों में सड़क किनारे लोगों के सोने की समस्या को हल करने के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था की जाए। साथ ही, ठंड से बचाव के लिए कम्बल वितरण का कार्य तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी सड़क किनारे कोई व्यक्ति सोता हुआ मिले, तो उसे रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए।

महाकुम्भ की तैयारियां

मुख्यमंत्री ने 13 जनवरी से शुरू होने वाले प्रयागराज महाकुम्भ की तैयारियों पर भी जोर दिया। इस बार महाकुम्भ को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त बनाने की योजना है।

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षा, प्लास्टिक के उपयोग से बचने और ठंड से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें।

सीएम योगी ने कहा, “प्रयागराज महाकुम्भ का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण है और इसमें 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसके लिए सभी जिलों को अपनी तैयारी समय से पूरी करनी चाहिए।”

परियोजनाओं की मॉनीटरिंग और सड़क सुरक्षा

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि 5 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली सभी परियोजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग की जाए। इसके लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाए और जिलाधिकारी स्वयं इन परियोजनाओं का निरीक्षण करें।

इसके साथ ही, सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।

उन्होंने नगर निगम और स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि शहरी क्षेत्रों में जाम की समस्या का समाधान किया जाए और सड़क सुरक्षा के उपायों को बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने किसान, व्यापारी, पटरी व्यवसायी और श्रमिक संगठनों से संवाद बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की भी बात की। उनका मानना है कि इन संगठनों के साथ समन्वय बनाए रखकर प्रदेश के विकास को गति दी जा सकती है।

This Post is written by Abhijeet Kumar yadav

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