सीएम योगी ने योगी शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान सीएम योगी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट प्राविधान के सापेक्ष शासन द्वारा जारी स्वीकृतियों-विभागाध्यक्ष द्वारा आवंटित धनराशि-व्यय तथा भारत सरकार से लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्त धनराशि की स्थिति की समीक्षा की। सीएम योगी ने विभागवार समीक्षा के बाद व्यापक जनहित के विकास कार्यों में तेजी लाने, परियोजनाओं की गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही समाप्त हो चुकी है। सभी विभागों के वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित व्यय सुनिश्चित किया जाए। आवंटन और व्यय में तेजी लायी जाए। विभाग स्तर पर भी खर्च की समीक्षा की जाए। संबंधित मंत्रीगण अपनी विभागीय स्थिति की समीक्षा करें। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्य सचिव खुद विभागीय आवंटन और व्यय की स्थिति की मासिक समीक्षा करें।
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के समग्र विकास के लिए केन्द्र सरकार से हर संभव सहायता मिल रही है। केंद्र से सामंजस्य बनाकर अवशेष धनराशि प्राप्त की जाए। सीएम योगी ने कहा कि विभागीय मंत्री स्वयं भारत सरकार के मंत्रियों संवाद करें। उन्होंने कहा कि किसी के अभाव में परियोजना बाधित न होने पाए। नियमानुसार राज्य के बजट को निर्गत कर कार्य जारी रखा जाए। सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर भेजना सुनिश्चित करें।
सीएम योगी ने आगे कहा कि उच्च शिक्षा, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण, खाद्य एवं रसद, नगर विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे विभागों की योजनाएं सीधे तौर पर आम जनता को प्रभावित करने वाली हैं। इनमें तेजी की आवश्यकता है। विभागीय प्रमुख की यह जिम्मेदारी है कि जनहित को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं के सुगम क्रियान्वयन के लिए समय से धनराशि का आवंटन सुनिश्चित करे।
सीएम ने आगे कहा कि परियोजनाएं समय पर प्रारम्भ हों, इसके लिए ई.पी.सी. की प्रक्रिया को और तेज करने की आवश्यकता है। निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाए। ग्राम पंचायतों और नगरीय वॉर्डों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की योजना महत्वपूर्ण है। बेसिक शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए उच्च शिक्षा विभाग इसे तेजी से क्रियान्वित कराए।