सरकारी कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर सीएम योगी का एक्शन प्लान हमेशा ऑन रहता है। हालिया घटनाक्रम में योगी सरकार ने जनपद चित्रकूट के तहत स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही पर एक्शन लिया है।
जिसमें जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि सरकारी कार्यों में किसी भी तरह की गड़बड़ी न की जाए। खासतौर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर सीएम योगी ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
2 घंटे तक पुलिस लाइन में खड़ी थी बसें
दरअसल, यह मामला मंगलवार 23 जुलाई को जनपद चित्रकूट के श्रीजी इंटर कॉलेज का है, जहां खोह के छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आ रही दो बसों को वाहन की फिटनेस समाप्त हो जाने के कारण सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) चित्रकूट की टीम द्वारा सीज कर दिया गया और बच्चों सहित 10 किलोमीटर दूर पुलिस लाइन ले जाया गया।
वाहन को 11:15 बजे सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल किया गया व 13:05 बजे इसे छोड़ा गया। इसके चलते करीब दो घंटे तक बस को पुलिस परिसर में खड़ा रखा गया।
मिली जानकारी के तहत, चित्रकूट जनपद के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को संबंधित स्कूलों में जाकर स्कूली बसों के फिटनेस चेक करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनके द्वारा आदेशों की अवहेलना की गई। जिसके कारण दोनों वाहनों का फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पाया था। ऐसे में वाहनों को सीज करना पड़ा, जिससे बच्चों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ा।
मामले का पता चलते ही एक्शन में योगी
बुधवार को यह मामला योगी सरकार के संज्ञान में आने के बाद इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई। इसके तहत संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाए जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
वहीं, इस मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिऐ। इसके साथ ही, प्रदेश में परिवहन विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों को भविष्य में इस तरह की किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने के लिए सख्त निर्देश दिए।