उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल, वरिष्ठ राजनेता और लखनऊ के लोकप्रिय जनप्रतिनिधि रहे श्रद्धेय लालजी टंडन की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हजरतगंज स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश सरकार के कई मंत्री और लखनऊ की मेयर भी मौजूद रहीं।
मुख्यमंत्री योगी ने लालजी टंडन को याद करते हुए कहा कि वे भारत माता के सच्चे सपूत थे, जिन्होंने लखनऊ से दिल्ली तक अपने कार्य और विचारों से पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि टंडन जी का जीवन सार्वजनिक सेवा, आदर्शों और राष्ट्रभक्ति के लिए समर्पित था।
समर्पण और सिद्धांतों का जीवन
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा, “आज हम पूर्व राज्यपाल, लखनऊ के पूर्व सांसद और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री श्रद्धेय लालजी टंडन जी की जयंती पर उनकी स्मृतियों को नमन करते हैं। उन्होंने एक ऐसे सार्वजनिक जीवन का निर्वहन किया जो लगभग सात दशकों तक चला और जिसमें उन्होंने हर परिस्थिति में राष्ट्र और जनसेवा को प्राथमिकता दी।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि टंडन जी का जीवन इस बात का उदाहरण है कि कैसे कोई व्यक्ति एक विचारधारा, अनुशासन और लोकसेवा के प्रति निष्ठा के साथ राजनीतिक जीवन में सर्वोच्च शिखर तक पहुंच सकता है। उन्होंने हर उस व्यक्ति की मदद की जो किसी भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से हो, यदि वह पीड़ा में है।
जनसेवा के प्रतीक, संवाद के संवाहक
सीएम योगी ने टंडन के सार्वजनिक संवाद और आमजन से जुड़ाव की सराहना करते हुए कहा कि वे हमेशा आम लोगों के बीच रहने वाले नेता थे। जो भी उनके पास अपनी समस्या लेकर गया, उसे वे निराश नहीं लौटाते थे। उनकी कार्यशैली में न कोई दंभ था और न ही कोई दूरी।
उनकी जयंती पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार और समस्त उत्तर प्रदेश की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके कार्य, मूल्य और व्यवहार राजनीति के वर्तमान और आने वाले नेतृत्व के लिए प्रेरणा हैं।