लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ आज लोक भवन में आयोजित भूजल सप्ताह के कार्यक्रम के समापन के दौरान सम्मिलित हुए। जल शक्ति मंत्रालय ने भू जल बचाने के लिए लगातार लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से भूजल सप्ताह के कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसका शुभारंभ 13 जुलाई को हुआ था और समापन आज हुआ। इस दौरान जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जनशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक, रामकेश निषाद राज्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए।
सीएम योगी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि जल है तो कल है और भारतीय मनीषा हमेशा से ही इस बात को मानती रही है कि जल ही जीवन है। उन्होंने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना की ही नहीं जा सकती है। उन्होंने कहा कि जल को जीवन के पर्याय के रूप में मान कर, जीव सृष्टि के लिए ही नहीं, जंतु सृष्टि के लिए भी जल आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि सृष्टि की भू पारिस्थिकी को बनाए रखने के लिए जल आवश्यक है। जिसके जागरूकता के लिए पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उनके नेतृत्व में यह कार्यक्रम निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस जल की इतनी उपयोगिता है, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं का जा सकती, उसके प्रति भी हम कितने लापरवाह हैं, यह हमें आंकड़े बताते हैं। उन्होंने भू-गर्भीय जल के निरंतर गिरते हुए स्तर और जहां पर सर्फेस वाटर है भी नदियां, नाले या तालाब जिस तरह से गंदगी के ढेर में बदलकर प्रदूषित करने का कार्य हुआ है, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।
सीएम योगी ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक-एक बूंद जल का बरसात का कितना महत्वपूर्ण है, अगर हमने इसके बारे में इमानदारी से ध्यान दिया होता तो इतनी खराब स्थिति नहीं पैदा हुई होती। सीएम योगी ने कहा कि 80 फिसदी भूमि हमारी ऐसी है, जो उर्वरा होने के साथ-साथ सिंचित भी है। सीएम योगी ने कहा कि एक नागरिक के रूप में हमारा दायित्व बनता है कि हम स्वयं के लिए और आने वाली पीढ़ी के लिए जल बचाव के लिए क्या-क्या कर सकते हैं।