उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को प्रयागराज पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने महाकुंभ 2025 की तैयारियों का निरीक्षण किया। उनका हेलीकॉप्टर अरैल स्थित हेलीपैड पर उतरा, जिसके बाद वे संगम क्षेत्र की व्यवस्थाओं को देखने के लिए रवाना हुए। क्रूज पर सवार होकर उन्होंने संगम क्षेत्र का निरीक्षण किया और सभी 13 अखाड़ों में साधु-संतों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री का यह दौरा दो दिवसीय है। पहले दिन उन्होंने मेला क्षेत्र का दौरा करने के साथ-साथ डिजिटल मीडिया सेंटर का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस वार्ता की और संतों के साथ संवाद स्थापित किया। रात में वे अखाड़ा परिषद के संतों के साथ भोजन प्रसाद ग्रहण करेंगे और फिर सर्किट हाउस में विश्राम करेंगे।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath takes 'Nishad raj' cruise in Prayagraj to review preparations ahead of the start of Maha Kumbh pic.twitter.com/zcbWoR5uO8
— ANI (@ANI) January 9, 2025
दूसरे दिन, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश पवेलियन प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे कला कुंभ प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने डिजिटल कुंभ अनुभव केंद्र और संगम तट पर आयोजित होने वाले दो अलग-अलग कॉन्क्लेव में शामिल होने का भी कार्यक्रम तय किया है। दोपहर के समय मेला प्राधिकरण में भोजन प्रसाद ग्रहण करने के बाद वे लखनऊ के लिए रवाना होंगे।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath is in Prayagraj to review preparations for Maha Kumbh 2025 pic.twitter.com/Elhb3hJttA
— ANI (@ANI) January 9, 2025
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सीएम योगी ने मेला क्षेत्र में सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आयोजन से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे किए जाएं। संगम क्षेत्र में स्वच्छता, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों को लेकर उन्होंने खास ध्यान देने को कहा।
सीएम ने संतों और अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। उन्होंने महाकुंभ की तैयारियों में संतों का सहयोग मांगा और आश्वासन दिया कि इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक और भव्य बनाया जाएगा।
महाकुंभ 2025 का पहला स्नान 13 जनवरी को होगा, इसे देखते हुए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सीएम योगी का यह दौरा आयोजन की योजना और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरे ने सरकार की प्रतिबद्धता और महाकुंभ को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने के संकल्प को और मजबूत किया है।